गरीबी का चोला ओढ़कर राशन डकारने वालों से होगी वसूली, मची खलबली

गरीबी का चोला ओढ़कर राशन डकारने वालों से होगी वसूली, मची खलबली

गरीबी का चोला ओढ़कर मुफ्त राशन डकारने वालों के कान खड़े हो गये है।


स्वतंत्र प्रभात-

भदोही। जनपद की जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने जनपद के लोगों को एक पत्र के माध्यम से सूचित किया है कि जो लोग पात्रता की श्रेणी में नही आते है लेकिन फिर भी राशन कार्ड के माध्यम से गलत ढंग से राशन ले रहे है वे अपने क्षेत्रीय खाद्य कार्यालय या तहसील पर जाकर अपना कार्ड निरस्तीकरण के लिए आवेदन कर दें। अन्यथा प्रशासन द्वारा जांच में दोषी पाये जाने पर कार्यवाही की जायेगी। जिसकी सारी जिम्मेदारी अपात्र पाये जाने वाले कार्ड धारक की होगी। अब इस सूचना के बाद है सियतदार होने के बावजूद गरीबी का चोला ओढ़कर मुफ्त राशन डकारने वालों के कान खड़े हो गये है। सभी लोगों को समझ में आ रहा है कि गलत ढंग से लिया जा रहा राशन का कार्ड अब निरस्त कराना ही उचित है नही तो प्रशासन के लोग कार्यवाही करेंगे तो ज्यादा बेइज्जती होगी।

वैसे अपात्र कार्ड धारकों से निपटने के लिए शासन ने रोडमैप बना लिया है। प्रदेश के सभी जिलों में जिला पूर्ति विभाग ने ऐसे उपभोक्ताओं को राशन कार्ड विभाग में सरेंडर करने की मोहलत दी है। इसके बाद जांच में अपात्र पाए जाने वालों से गेहूं और चावल के निर्धारित दर से वसूली की जाएगी। पूर्ति विभाग की इस तैयारी से गरीबों का हक मारने वालों में हड़कंप मच गया है। विभाग के अनुसार यदि अपात्र लोगों ने स्वेछा से राशन कार्ड नहीं लौटाए तो डोर-टू-डोर जांच कराई जाएगी। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में बीडीओ व नगरीय क्षेत्रों में नगर निकाय के ईओ राशन कार्डधारकों की जांच करेंगे। अपात्रों ने यदि राशन कार्ड सरेंडर नहीं किया तो जांच के दौरान उनके राशन कार्ड निरस्त करने के साथ ही शुरू से अब तक खाद्यान्न का आंकलन कर वसूली की जाएगी।

राशन कार्डों के निर्धारित लक्ष्य कुल आबादी के सापेक्ष ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों के लिए पूरे होने के कारण नए पात्र लोगों के राशन कार्ड जारी नहीं हो पा रहे है। इसलिए राशन कार्डों के लिए अपात्रता का मानक तय किया गया है। विभाग के तरफ से जारी गाइडलाइंस के अनुसार समस्त आयकर दाता, परिवार के किसी भी सदस्य के स्वामित्व में चार पहिया वाहन या ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, एयर कंडीशन (एसी) अथवा पांच केवीए या उससे अधिक क्षमता का जनरेटर होने पर उसे राशन कार्ड विभाग में जमा करना होगा। 5 एकड़ से अधिक सिंचित जमीन के भू-स्वामी व सरकारी सेवारत कर्मी भी कार्ड के लिए पात्र नहीं है। नगरीय क्षेत्र में ऐसे परिवार जिसके किसी भी सदस्य के पास सौ गज का प्लाट या मकान है उसे भी राशन कार्ड सरेंडर करना होगा।

जिस परिवार में एक से अधिक शस्त्र लाइसेंस होने, ग्रामीण क्षेत्र में समस्त सदस्यों की कुल वार्षिक आय दो लाख रुपए से अधिक होने और नगरीय क्षेत्र में वार्षिक आय तीन लाख रुपए से अधिक होने पर भी वह व्यक्ति राशन कार्ड के लिए पात्र नहीं होगा। शासन के तरफ से जारी निर्देश के बाद फर्जी राशन कार्ड धारकों में खलबली मची है। विदित हो कि सरकार के तरफ से संचालित इस योजना में अपात्र व्यक्ति, कोटेधार और पूर्ति विभाग के लोगों ने मनमानी करके खूब चांदी कांटी है। इसमें सबसे बड़ी लापरवाही विभाग के लोगों की है जिनके कृपा से अपात्र का भी कार्ड जारी कर दिया गया।

जबकि पूर्ति कार्यालयों में शिकायतों का अंबार होने की  वजह से विभाग के लोग और कोटेदार मिल कर मनमानी करते रहे। बहुत गांवों में तो ऐसे भी देखने को मिलता है जहां कोटेदार अपने खास लोगों पर काफी कृपा करके कार्ड बनाकर योजना में पलीता लगा रहे है। सरकार के आदेश के बाद भी विभाग के जिम्मेदार लोग कोटेदार से मिलकर गलत व फर्जी रिपोर्ट लगाकर अपना काम कर लेंगे। हालांकि सरकार के इस सख्ती से कही न कही अपात्रों की संख्या में गिरावट होगी। क्योकि कोटेदार और विभाग के लोग अपात्रों के लिए कोई बीच का रास्ता अवश्य निकाल लेंगे। भदोही जनपद में ऐसे भी लोग अन्त्योदय कार्ड धारक है जिनके पास बंदूक है, गाड़ी है, कई बीघा खेत है लेकिन कोटेदार और विभाग की कृपा से सरकार के तरफ से चल रही योजना को मनमानी ढंग से लूट रहे है। 

भदोही जनपद में कुल 303369 कार्ड है जिससे 1202908 लोग योजना का लाभ ले रहे है। शहरी क्षेत्र में कुल 35495 तथा ग्रामीण क्षेत्र में 267874 कार्ड बनाये गये है। शहरी क्षेत्र में 6767 अंत्योदय कार्ड बने है तो वही ग्रामीण क्षेत्र में 31494 अन्त्योदय कार्ड है। पात्र गृहस्थी की बात की जाये तो 28727 शहरी क्षेत्र में और 236381 कार्ड ग्रामीण क्षेत्र में है। शहरी क्षेत्र में 120740 पात्र गृहस्थी और 19850 अन्त्योदय कार्ड के लाभार्थी है।

ग्रामीण क्षेत्र में यह आंकड़ा पात्र गृहस्थी लाभार्थियों का 974268 जबकि अन्त्योदय कार्ड लाभार्थियों की संख्या 88050 है। शासन की सख्ती और प्रशासन की सक्रियता के बाद अब देखना है कि जनपद में सच में क्या स्थिति रहती है। कुल मिलाकर इस बात में कोई भी संकोच नही है कि राशन वितरण में खुब बंदरबांट का खेल हो रहा है। और गरीबों के राशन पर अपात्र और गलत लोगों का कब्जा है। इसके लिए प्रशासन को सख्ती के साथ अपात्र और गलत लोगों के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए।

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