
विद्युत वितरण उपकेंद्रों पर घोर लापरवाही
विद्युत वितरण उपकेंद्रों पर घोर लापरवाही
स्वतंत्र प्रभात
भीटी अंबेडकरनगर।
भीटी तहसील के सभी विद्युत वितरण उपकेंद्रों पर घोर लापरवाही देखने को मिल रही है।जहां गर्मी के मौसम में लोग अपने घरों में गर्मी से परेशान रहते हैं तो,वही हाई स्कूल,इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा चल रही है।जिसके चलते विद्यार्थी जब शाम को पढ़ने बैठते है तो बिजली गुल हो जाती है।जिससे उनको भारी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है।विद्युत विभाग के अभियंता अवर अभियंता का बार-बार मोबाइल पर फोन करने पर फोन रिसीव नहीं किया जाता है।
विद्युत व्यवस्था ठीक-ठाक रखने के लिए हर विद्युत उपकेंद्र पर पूरे भीटी तहसील क्षेत्र में रखे गए प्राइवेट लाइनमैन 500,1000 रुपए उपभोक्ताओं से मांगते हैं। और रुपया लेने के बाद बिजली ऐसे बनाते हैं कि 24 घंटे से 72 घंटे के अंदर वह फिर बिगड़ जाती है।इस तरीके से विद्युत उपभोक्ताओं को दोहरे तरीके से लूटा जा रहा है। सया गांव निवासी आलोक सिंह,प्रिंस सिंह,अमित सिंह ने बताया कि वह अपने गांव की बिजली रोज बनवाते हैं और रोज बिगड़ जाती है।सप्ताह भर से पूरे गांव में पूरी रात अंधेरा रहता है।विद्युत विभाग के जेई से शिकायत करने पर कोई सुनवाई नहीं होती है।
महरुआ विद्युत उपकेंद्र का बेस्ट फील्डर शाम होते ही बिजली गुल हो जाती है खाना पीना खाने के बाद फिर रात 10 से 11 बजे ही मिल पाती है,जिससे परीक्षा की तैयारी में लगे विद्यार्थियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।बिजली विभाग से जुड़े अधिकारी कर्मचारी फोन नहीं उठाते हैं।वही महरुआ विद्युत उपकेंद्र के जेई गयादीन का कहना है कि वर्षों से बिजली के तार इंसुलेटर,कलैम्प,तार पुराने पड़ चुके हैं विभाग से नए सामान नहीं मिल रहे जिसके कारण आए दिन बिजली खराब हो जाती है हम क्या करें?
इनसेट- भीटी तहसील क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना से लगे ट्रांसफार्मर जलकर खराब हो चुके हैं लेकिन कई महीनों से ट्रांसफार्मरों को ठीक नहीं कराया जा रहा है।भीटी विकासखंड के अढनपुर,टेमा,इटवा आदि गांव में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत गांव में विद्युत पोल पर 10 किलो वाट का ट्रांसफार्मर लगाया गया था,लेकिन इस योजना से लगे ट्रांसफार्मर से उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है।
इनसेट- पूरे भीटी विकासखंड में कहीं ट्रांसफार्मर खराब है तो कहीं अन्य उपकरण जर्जर हो गए हैं।खराब पड़े उपकरणों के ना बदलने का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।ग्रामीणों का कहना है कि खराब पड़े ट्रांसफार्मर को ठीक कराने के लिए कई बार शिकायत किया गया।लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया कुल मिलाकर राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना इन गांवों में शोपीस बनी हुई है।
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