लोग नगर पंचायत के भरोसे लेकिन इस कपकपाती सर्दी में नही जलवाए गए अलाव

लोग नगर पंचायत के भरोसे लेकिन इस कपकपाती सर्दी में नही जलवाए गए अलाव

लोग नगर पंचायत के भरोसे लेकिन इस कपकपाती सर्दी में नही जलवाए गए अलाव


माधौगढ़।

 बारिश के बाद इधर चार दिन से मौसम साफ नजर नहीं आया । शनिवार और रविवार को  गलन भरी हवायें चलने से पारा लुढ़क गया। सुबह होते ठंड का असर हाडकपाऊ  दिखने लगा । लगातार दो दिनों से पारा नीचे गिरने की बजह से अखंड सर्दी का परचम फहरता रहा ।वैसे मौसम विभाग ने भी इस बर्ष की पूरी सर्दी में शनिवार की सर्दी को सबसे अधिक आंका है ।

फिर नगर पंचायत प्रशासन के द्वारा सुबह के समय एक भी अलाव जलाने की जहमत नहीं की गई ।वहीं नगर के लोगों ने सुबह से ही  अलावों के जलाया और उन अलावों  के पास काफी लोगों की भीड़ नजर आयी। जो अपने हाथ-पैर  गरमकर ठंड से राहत पाने की कोशिश करते रहे। यही नहीं बड़ी संख्या में नगर में घूम रहे आवारा भी अलावों के इर्द-गिर्द के साथ खड़े रहे। वैसे भी लगातार बारिश के बाद जहां किसानों की खेतों में खड़ी फसलें कमजोरी साबित कर रही है ।

 फसलों को कोहरा ठंड की मार झेलनी पड़ रही है। पाला पड़ने से फसलों के फूल मुरझाकर गिर गये है। जिससे फल लगना नजर आ रहा है। इधर ठंड बढ़ने से किसान रात में रखवाली भी नहीं कर पा रहे हैं। ठंड से किसान बुरी तरह से परेशान हैं वहीं आवारा गौवंश भी उनको बड़ा ही कष्ट दे रहा है । भयावह ठंड पडने से आम जनजीवन पर बुरा असर पड़ा है। ठंड का सबसे ज्यादा असर गरीब-गुरबा परिवारों पर पड़ रहा है। ऐसे परिवारों के पास पर्याप्त मात्रा में गरम कपड़े नहीं है।

जलाऊ लकड़ी कोयला आदि खरीदने के पैसे नहीं है। ऐसे  में लोग पानी को देखते ही बाजारों में बांस कागज गटटक आदि इकट्ठा कर आग जलाकर ठंड से बचने की कोशिश करते नजर आए सुबह से  शाम तक  भयानक ठंड  जैसा आलम हो गया। इधर ठंड को देखते हुये कोयला लकड़ी में काफी है कि सूखी लकड़ी जलाने के लिए लोग मजबूरी में महंगे दामों में गोल गटटक लकड़ी टालों से खरीद रहे है। बहरहाल लोगों को कड़ाके की ठंड से फिलहाल निजात मिलना नजर नहीं आ रहा है।

बोले सभासद चहेतों को कभी-कभार मिल रही लकड़ी

माधौगढ़ नगर पंचायत के सभासद संजय कुमार गुप्ता एवं गजेन्द्र सिंह शिवहरे का कहना है कि शाम के समय नगर पंचायत की गाड़ी लकड़ी लेकर आती है और नगर में चहेते लोगों को लकड़ी देकर अलाव जलवा रही है ।

 वहीं सुबह किसी भी तरह से अलाव नहीं जल रहे हैं क्योंकि शाम को बंटने वाली लकड़ी सुबह के लिए बचती ही नहीं है । शाम को जो लकड़ी आती है वह इतनी गीली आती है कि उसका जलना बड़ा ही मुश्किल रहता है । सभासदों ने पुरजोर मांग की है कि नगर में तमाम गरीब लोग हैं जो ऐसी सर्दी के मौसम में आग का सहारा लेकर अपना समय गुजार रहे हैं उन्हें अभी तक कंबल भी मुहैया नहीं कराए गए हैं ।पता नहीं कि जब सर्दी निकल जाएगी तब कहीं कंबल बंटेंगे ।

नगर पंचायत का अलाव जलाना सिर्फ ढिढोरा

माधौगढ़ नगर पंचायत के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने कागज जलाकर तापते कमलेश अंशू तुलाराम मुन्नीलाल शिवनारायण दिलीप कुमार बीरेंद्र कुमार उमेश छोटे कमलेश सोवरन चंदू मिट्ठूलाल सहित दर्जनों नगरवासियों का कहना है कि किसी तरह के अलाव नगर पंचायत के द्वारा नहीं जलवाए जा रहे और न ही कंबलों का वितरण कराया गया है। हम सभी लोग कागज आदि जलाकर किसी तरह से ठंड से बचाव कर रहे हैं ।

संजय शुक्ला अमर पाल सिंह राजावत ऋषि स्वर्णकार का कहना है कि पता ही नहीं चलता है कि नगर पंचायत प्रशासन अब अलाव जलवाता है तथा कब अलाव बुझ जाते हैं । भीषण सर्दी का पड़ाव चल रहा है पर अलाव कागज में जल रहे हैं । लोग सर्द भरी हवाओं को झेलते हुए ठिठुर रहे हैं ।वहीं नगर पंचायत प्रशासन अलाव न जलवाकर मजाक कर रहा है ।

बस स्टैंडों पर भी नहीं जले अलाव

माधौगढ़ नगर पंचायत में तीन जगहों पर बसें रुकती है । रामपुरा बस स्टैंड चितौरा बस स्टैंड सिहारी बस स्टैंड जहां पर प्रतीक्षालय बने हुए हैं उनके पास खड़े यात्री अलाव न जलने से ठिठुरते नजर आए ।यात्री गोपाल शुक्ला अंढाई राज अटागांव अनुराग जगम्मनपुर ने बताया कि वह सुबह छः बजे के करीब से बस का इंतजार कर रहा है सर्दी बहुत है तथा सर्दी महसूस कर रहा हूं पर अलाव नहीं जलाए जाने से भारी दिक्कत हो रही है ।

बताते चलें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सुबह से ही मरीजों की संख्या आने लगती है वहीं अनेकों मरीज या प्रसव वाली महिलाएं अक्सर आती है भीषण सर्दी पड़ रही है यहां भी साहब कोई अलाव की व्यवस्था नहीं है ।ब्लाक में भी तमाम कामों से लोगों का आवागमन रहता है यह भी जगह अलावविहीन है । वहीं गल्ला मंडी में भी तमाम किसानों का आना-जाना रहता है यहां भी सर्दी के लिए अलाव की कोई उपलब्धि नहीं है ।

वैसे कई नगर पंचायतों में तैनात प्रोन्नत होकर आया बाबू की तूती बजती है । वह बाबू चाहे तो अलाव जलेंगे न चाहे तो अलाव नहीं जलेंगे । यहां तक कि कोई विकास का कार्य हो उसकी बिना मर्जी के एक पत्ता भी नहीं हिलता है ।वैसे  किसानों का कहना है कि पहले तो बारिश से फसले बर्बाद हुई है और जो कुछ बची-खुची फसलें खेतों में खड़ी है तो कोहरा, ठंड पाला पड़ने से बर्बाद हो रही है

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