स्वतंत्र प्रभात
उन्नाव।जिला अधिकारी के कड़े निर्देशों के बाद भी आवरा मवेशियों पर अंकुश नही लग पा रहा है।इस बरसात में भी किसान रात रात भर जग कर अपनी फसलों की रखवाली कर रहे है।डी एम ने भले ही निराषित पशुओं को गौआश्रय स्थल भेजने के फरमान जारी किये हो।लेकिन आज भी मवेशी स्वछंद होकर किसानों की फसलें चट कर रहे है।ग्राम पंचायत अधिकारी इस समस्या पर गंभीर नहीं है।
जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार आवारा पशुओं को लेकर जितने गंभीर है।उतने उनके मातहत इस मामले में लापरवाह दिख रहे है।मुख्य मार्गों से लेकर खेतों तक आवारा पशुओं के झुण्ड आज भी देखे जा सकते है।जबकि डीएम के निर्देश को दिए हुए तीन दिन से अधिक का समय बीत चुका है।गत दिनों इन्ही आवारा पशुओं की चपेट में आकर प्रदेश के एक राज्य मंत्री का काफिला चपेट में आ गया था।
जब यह आलम लखनऊ कानपुर राजमार्ग का है तो अन्य मार्गो का सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि आवारा पशुओं का समूह किस तरह धमाचौकड़ी मचाये होंगे।खेतों ने किसान रात रात भर जग कर अपनी फसलों को बचाने में जहाँ जुटे हुए है।जनपद के सोलह विकास खंड़ो में शायद ऐसा कोई विकासखंड हो।जहाँ आवारा पशुओं की समस्या न हो।कई लोग इन पशुओं के चलते अपनी जान भी गवा चुके है।
गत दिनों डीएम ने पशु पालन विभाग एसडीएम खाद विकास अधिकारी को निर्देश दिए थे कि आवारा पशुओं को गौ आश्रय स्थल भेजा जाए।अगर आवारा पशु दिखे तो जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जायेगी।लेकिन आज भी गाँवों से लेकर जनपद मुख्यालय तक आवारा पशुओं की धमाचौकड़ी पर रोक नहीं लग सकी है।