जान जोखिम में डाल कार्य नहीं करेंगीं आशा बहने-प्रदेश अध्यक्ष

जान जोखिम में डाल कार्य नहीं करेंगीं आशा बहने-प्रदेश अध्यक्ष

सुरक्षा संसाधनों के अभाव में आशाओं ने किया कार्यवहिष्कार का ऐलान बस्ती बस्ती जिले के हरैया तहसील मेंआज सम्मयमाता मंदिर पर कोविड संक्रमण के दौरान बिना सुरक्षा संसाधन आशाओं से कार्य लिए जाने को लेकर आशा अधिकारमंच का एक आपात बैठक सुबह नौ बजे हर्रैया स्थिति सम्मयमाता मंदिर पर सम्पन्न हुआ जिसमें समस्त पदाधिकारियों ने

सुरक्षा संसाधनों के अभाव में आशाओं ने किया कार्यवहिष्कार का ऐलान

बस्ती 

बस्ती जिले के हरैया तहसील मेंआज सम्मयमाता मंदिर पर कोविड संक्रमण के दौरान बिना सुरक्षा संसाधन आशाओं से कार्य लिए जाने को लेकर आशा अधिकारमंच का एक आपात बैठक सुबह नौ बजे हर्रैया स्थिति सम्मयमाता मंदिर पर सम्पन्न हुआ

जिसमें समस्त पदाधिकारियों ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया कि पर्याप्त सुरक्षा किट के अभाव में कोई आशा जान जोखिम में डालकर काम नहीं करेगी आशाओं ने बताया कि एक तो दशकों से निष्ठापूर्वक स्वास्थ्य विभाग का कार्य करने के बाद भी उन्हे कर्मचारी का दर्जा न देकर स्वास्थ्य श्रमिक माना जाता है उपर से बिना पर्याप्त पारिश्रमिक के उनसे काम लिया जाता है यहां तक कि बीते माह एक पखवाड़े तक दस्तक अभियान के तहत निःशुल्क काम कराया गया जिसमें राजधानी की दो आशाओं को अपनी जान भी गंवानी पडी इतना ही नहीं न तो विगत वर्ष कोविड के दौरान देय राशि 1000 प्रतिमाह भी नहीं दिया जा रहा है न ही 50लाख बीमा धनराशि ही लागू है।

उक्त समस्याओं के सन्दर्भ में संघ के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामा ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक आर.के यादव से बात किया तो उन्होंने कहा कि शासन व उच्चाधिकारियों द्वारा देय सुविधा व धनराशि में हमें कार्य सम्पादन करना है श्री पाण्डेय ने पूंछा कि आशाओं को मौत के कुंयें में भेजकर तो उन्होंने का कि आप उच्चाधिकारियों से बात करें इस सन्दर्भ में श्री पाण्डेय ने सी.एम.ओ.को फोन लगाया तो उनका फोन उठा ही नहीं हलांकि जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल सुरक्षा संसाधन उपलब्ध कराये जाने का आश्वासन दिया है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि तत्काल पूर्व में देय सुविधाएं बहाल करते हुए कोविड की शिकार आशाओं के परिवार को बीमाराशि उपलब्ध कराती हुए आशाओं को या तो कर्मचारी का दर्जा देते हुए सुनिश्चित मानदेय दिया जाय अथवा न्युनतम पारिश्रमिक 350प्रतिदिन के हिसाब से न्यूनतम दस हजार प्रतिमाह दिया जाय यदि ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में सम्पूर्ण कार्य वहिष्कार होगा वर्तमान में यदि कार्य कराना है तो सुरक्षा किट उपलब्ध कराना होगा जान जोखिम में डालकर कोई आशा कार्य नहीं करेगी सरकार को काम कराना है

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तो मानदेय या वेतनभोगी कर्मचारियों से कार्य कराये इस मौके पर जिलाध्यक्ष शैलेन्द्री श्रीवास्तव,आरती त्रिपाठी,पूनम सिंह,श्वेता सिंह,किरन दूबे,अर्चना ओझा,पद्मावती सिंह, सुमित्रा सिंह,फातिमा खातून, श्यामलली,शारदा देवी,रीता सिंह,अमरावती मिश्रा,ज्ञानमती, कान्ती यादव,शशी सिंह, स्नेहलता, लक्ष्मी यादव सहित कई आशायें भी मौजूद रही

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