भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोपो से घिरे ‘चाइल्ड लाइन 1098’ 

भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोपो से घिरे ‘चाइल्ड लाइन 1098’ 

बाराबंकी के निदेशक रत्नेश गौतम , पूर्व सदस्यों ने फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए जांच की करी मांग चाइल्ड लाइन 1098 बाराबंकी के निदेशक पर भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप पूर्व सदस्यो ने फर्जी बिल/वाउचर के सहारे धन के ग़बन का लगाया आरोप महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत, मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी व चाइल्ड लाइन इण्डिया फाउण्डेशन

बाराबंकी के निदेशक रत्नेश गौतम , पूर्व सदस्यों ने फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए जांच की करी मांग

चाइल्ड लाइन 1098 बाराबंकी के निदेशक पर भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप

पूर्व सदस्यो ने फर्जी बिल/वाउचर के सहारे धन के ग़बन का लगाया आरोप 

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत, मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी व चाइल्ड लाइन इण्डिया फाउण्डेशन मुम्बई एवं दिल्ली भेजा गया शिकायती पत्र

बाराबंकी। 
सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अथक प्रयासो के बावजूद भ्रष्टाचार पर विराम नहीं लग पा रहा है। आलम ये है कि सरकारी तो सरकारी विभिन्न गैर सरकारी संगठनो के माध्यम से आमजन को लाभान्वित की जाने वाली केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं में भी भ्रष्टाचार का दीमक लग चुका है।
सूबे की राजधानी लखनऊ से सटे हुए जनपद बाराबंकी में ऐसा ही मामला सामने आया है जहा चाइल्ड लाइन इण्डिया फाउण्डेशन द्वारा संचालित ‘चाइल्ड लाइन 1098’ के दो पूर्व सदस्यों ने ही संस्था के निदेशक रत्नेश गौतम पर भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप लगा कर हड़कम्प मचा दिया है। इतना ही नही दोनो सदस्यों ने बाकायदा शीर्ष अधिकारियों समेत मुख्यमंत्री योगी को तमाम अनियमितताओं से अवगत कराते हुए जांच की मांग भी की है।
चाइल्ड लाइन 1098 के पूर्व सदस्य मनीष सिंह एवं अनिल यादव ने संयुक्त रूप से महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन, चाइल्ड लाइन इण्डिया फाउण्डेशन मुम्बई व चाइल्ड लाइन इण्डिया फाउण्डेशन दिल्ली एवं जनपद के जिलाधिकारी को भेजे अपने शिकायती पत्र में कहा है कि वह करीब दो वर्ष से बेसिक उत्थान एवं ग्रामीण सेवा संस्थान द्वारा जनपद में संचालित चाइल्ड लाइन 1098 में सदस्य के पद पर कार्यरत थे। निष्पक्षता पूर्वक कार्य करने मे तमाम बाधाएं उत्पन्न की जा रही थी। साजिशन मानसिक प्रताड़ना एवं शोषण से तंग आकर नौकरी छोड़ने पर मजबूर किया गया।

  निदेशक रत्नेश तम द्वारा फर्ज़ी बिलो के सहारे हो रहा धन का ग़बन 

दोनो सदस्यों का आरोप है कि चाइल्ड लाइन 1098 बाराबंकी के निदेशक रत्नेश कुमार गौतम द्वारा आये दिन तमाम फर्जी बिल/वाउचर बनाये जा रहे हैं, जिनपर हस्ताक्षर करने के लिए हम लोगों पर दबाव बनाते रहे हैं। मना करने पर डाटते व निकाल देने की अक्सर धमकी देते आ रहे थे। तमाम फर्जी बिल व सादे कागजों पर हस्ताक्षर भी करवा लिए हैं। चाइल्ड लाइन के माध्यम से बच्चों को जो सुविधाएं दी जा रही हैं, उनमें से आधी भी उन तक नहीं पहुँच पाती। निदेशक रत्नेश कुमार गौतम द्वारा फर्जी बिल बनाकर सबका पैसा निकाला जा रहा है।

 लावारिस बच्चो को बाल आश्रय गृह भेजने के नाम पर भी हो रही घपलेबाज़ी 

बकौल शिकायतकर्ता, अज्ञात अवस्था में मिलने वाले बच्चों को हम लोगों द्वारा बाइक से बाल आश्रय गृह भेजा गया, जबकि हर बार चार पहिया वाहन का फर्जी बिल बनाकर पैसा निकाला गया है। हम लोगों के यात्रा भत्ता में भी बढ़ा चढ़ाकर फर्जी बिल बनाये गये हैं।

कोविड-19 के समय भी जमकर  हुआ फर्जीवाड़ा 

पूर्व सदस्यों की माने तो कोविड-19 के समय बच्चों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वह नहीं मिली, फर्जी बिल बनाकर सिर्फ कागजों की खानापूर्ति की गई है। बेसिक उत्थान एवं ग्रामीण सेवा संस्थान द्वारा संचालित सभी योजनाओं में भारी भ्रष्टाचार है। नई रोशनी के कार्यक्रम में भी हम लोगों को अनेक बार भेजा गया है। हम लोग पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ कार्य करते रहे हैं, बावजूद इसके बगैर पूर्व कोई सूचना दिए रत्नेश कुमार गौतम द्वारा कार्य करने से मना कर दिया। शिकायतकर्ताओं ने शीर्ष अधिकारियों से चाइल्ड लाइन 1098 से सम्बंधित सभी बिल/वाउचर व बिल वाउचर जहाँ के हैं, उनसे भी गहन जांच पड़ताल कर भ्रष्टाचार का अनावरण करने के साथ ही दोषीजनों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।

 नही उठा चाइल्ड लाइन निदेशक रत्नेश गौतम का मोबाइल फोन 

इस मामले में चाइल्ड लाइन 1098 बाराबंकी के निदेशक रत्नेश गौतम का पक्ष जानने के लिए हमारे संवाददाता ने उनके मोबाइल नम्बर पर कॉल लगाया लेकिन उनके द्वारा फोन न रिसीव किये जाने से उनका पक्ष नही मिल सका ।

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