एनडीआरएफ की टीम व पशु चिकित्सालय खड्डा ने चलाया दवा वितरण व जन जागरूक अभियान

एनडीआरएफ की टीम व पशु चिकित्सालय खड्डा ने चलाया दवा वितरण व जन जागरूक अभियान

एनडीआरएफ की टीम ने बताये आकाशीय बिजली से बचने के उपाय स्वतंत्र प्रभात टीम प्रमोद रौनियार/शैलेश यदुवंशी की रिपोर्ट कुशीनगर जनपद के सिविल प्रशासन खड्डा के माध्यम से एनडीआरएफ टीम कमांडर रोहित कुमार भारद्वाज को दिशानिर्देश मिला कि खड्डा तहसील के बाढ़ प्रभावित इलाके मरचाहवा, बसंतपुर और शिवपुर के गांव में पशुओं में बीमारी आ

एनडीआरएफ की टीम ने बताये आकाशीय बिजली से बचने के उपाय

स्वतंत्र प्रभात टीम

प्रमोद रौनियार/शैलेश यदुवंशी की रिपोर्ट

कुशीनगर जनपद के सिविल प्रशासन खड्डा के माध्यम से एनडीआरएफ टीम कमांडर रोहित कुमार भारद्वाज को दिशानिर्देश मिला कि खड्डा तहसील के बाढ़ प्रभावित इलाके मरचाहवा, बसंतपुर और शिवपुर के गांव में पशुओं में बीमारी आ गई है।

जिसके वजह से उनकी मौत हो रही है। इसी के अनुसार जिला प्रशासन के दिशा निर्देशन में पशु चिकित्सालय खड्डा के डॉक्टर संजय भारती, रामेश्वरम चौधरी, महबूब आलम की पशु चिकित्सालय की टीम को एनडीआर एफ की सहायता से इन गांवों में ले जाकर पशु तथा बकरियों को कृमिनाशक दवा पिलाया गया तथा बीमार पशुओं का इलाज किया गया।

जिले के खड्डा तहसील में कैंप कर रही 11 एनडीआरएफ वाराणसी से आई टीम जिलाधिकारी महोदय के निर्देशन में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रही है साथ ही लोगों को जागरूक कर जरूरतमन्दो को दवा वितरण भी कर रही है । इसी क्रम में तहसील के मरचाहवा बसंतपुर और शिवपुर गांव में बाढ प्रभावितों के बीच स्थानीय प्रशासन के साथ पहुंची टीम गांव वालों को बाढ़ के समय और बाढ़ उतरने के बाद विशेष सावधानियों पर लोगों को जागरूक किया।

आकाशीय बिजली से बचने के बताएं गए उपाय

वर्तमान में फैली महामारी कोविड-19 को ध्यान मे रखते हुए सामाजिक दूरी तथा मास्क का महत्व तथा इस बीमारी से बचने के उपायों को विस्तार से बताया। बारिश का मौसम शुरू होते ही आकाशीय बिजली का कहर देखने को मिलता है । आकाशीय बिजली से बचने के उपाय बताते हुए टीम कमांडर रोहित कुमार भारद्वाज ने बताया कि यदि आप ऐसे समय में बाहर हैं – तो घर या भवन में आश्रय ले तथा टीन और धातु के बने छतों से दूर रहें।

यदि खुले आसमान के नीचे है – तो एक जगह भीड़ ने जमाए तथा खुले खुले होकर दुबक कर बैठ जाएं बैठने का तरीका दोनों पैरों के पंजो को मिलाते हुए एडियो को ऊपर उठाते हुए कानों को हाथों से बंद करके बैठे । बिजली के खंभों तथा पेड़ों से दूर रहें । पानी के स्त्रोत या पानी के अंदर न खड़े रहे ।यदि आप घर के भीतर हैं– तो अपने सभी बिजली उपकरणों के प्लग निकाल दें।बरामदे में न खड़े हो।

खिड़की या दरवाजों से दूरी बनाकर रखें

प्लंबिंग तथा लोहे के सामान को ने छुए तथा नल से बहते हुए पानी को भी ना छुएं ।
यदि किसी को आकाशीय बिजली का झटका लगे तो ऐसे व्यक्ति को यदि जरूरत हो तो जल्दी से जल्दी जीवन रक्षक प्रणाली सीपीआर दें तथा रोगी को नजदीकी हॉस्पिटल पहुंचाने की कोशिश करें ।

बाढ़ से कैसे सुरक्षित रहे

सब इंस्पेक्टर चन्दन कुमार सिंह ने बताया कि बाढ़ के समय सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए घर में मौजूद कुछ विशेष सामानों का प्रयोग करके बचा जा सकता है जिसमें केले के तने का राफ्ट बनाकर, खाली बोतल या डिब्बों से एक विशेष राफ्ट बनाकर , बम्बू राफ्ट, बड़े ट्यूब के सहारे नदी के मुख्य धारा से बचते हुए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा जा सकता है।

जरूरतमंदों में निःशुल्क हुआ दवा वितरण

साथ ही टीम के साथ आए मेडिकल स्टाफ रमेश तथा ब्रजेश ने 32 जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क दवाइयों का वितरण किया । साथ ही पशु चिकित्सालय टीम ने भी 300 जानवरों का इलाज किया तथा कृमि नाशक दवाई पिलाई गई। इस बाढ़ के दौरान प्रभावित लोगों में देखा गया कि वे चर्म रोग जैसे फोड़ा फुंसी से परेशान है। अतः उनको बताया गया कि बाढ़ के दौरान पीने का पानी काफी प्रदूषित हो जाता है। जिसका सेवन करने से विभिन्न प्रकार की बीमारियां हो जाती है।उससे बचने के लिए पानी को उबालकर प्रयोग में लाया जाए व गंदे पानी में स्नान से बचा जाए । स्वयं की साफ सफाई का ध्यान रखा जाए इससे कई बीमारियों से बचा जा सकता है । साथ ही अपने घर और घर के आस-पास जमा पानी मे केरोसिन तेल या अन्य कीटाणुनाशक दवाओं का छिड़काव किया जाए।

बाढ़ में कीटनाशक दवाओं का बताया गया प्रयोग

बाढ़ के दौरान काफी कीट पतंग घरों के आस-पास में आ जाते हैं। ऐसे मौसम में मच्छरों का भी प्रकोप बढ़ जाता है। जिससे बचने के लिए सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग किया जाए। जिससे मलेरिया ,डेंगू, व इंसेफलाइटिस जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है । बाढ़ आने पर सांप आदि का भय बना रहता है। अगर किसी को सर्पदंश करता है। तो उसका बचाव में काटे हुए स्थान को साफ साबुन पानी से धोएं , रोगी को स्थिर रखें , रोगी को सांत्वना देते रहें व कुछ भी खाने पीने के लिए ना दें, किसी तांत्रिक या झाड़ फूंक से बचे। जल्द से जल्द मरीज को जिला अस्पताल में ले जाएं तथा एन्टी विनम सीरम लगवाया जाए।

इस दौरान जिला प्रशासन की तरफ से इलाके के लेखपाल पवन कुमार वर्मा, ग्राम प्रधान शिवपुर राम कल्प प्रसाद, ग्राम प्रधान मर चाहवा इजहार अंसारी, बेचन सिंह तथा एनडीआरएफ की तरफ से बचावकर्मी नन्दकिशोर यादव, चक्रवर्ती ,राम निवास, प्रवीण, हरदिप, रमेश, सागर, डीके चौधरी मौजूद रहे।

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