नहरों में पानी न आने से किसान परेशान, नहीं कर पा रहे धान की नर्सरी

नहरों में पानी न आने से किसान परेशान, नहीं कर पा रहे धान की नर्सरी

नहरों में पानी न आने से अधिकांश किसानों की सूख गई मेंथायल की फसल


स्वतंत्र प्रभात-


शिवगढ़,रायबरेली।

शिवगढ़ क्षेत्र क्षेत्र के बैंती रजबहा,शिवगढ़ रजबहा सहित क्षेत्र की माइनरों और अल्पिकाओं में पानी न आने से किसान परेशान हैं। नहरों के पानी पर आश्रित किसान जहाँ धान की नर्सरी नहीं डाल पा रहे हैं। तो वहीं अधिकांश किसानों की मेंथा आयल की फसल नहर में पानी ना आने से सूख गई है जिसको लेकर क्षेत्र के किसानों में गहरा रोष व्याप्त है। गौरतलब हो कि जहां एक ओर प्रदेश की योगी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है तो वहीं दूसरी ओर सिंचाई विभाग के उच्चाधिकारियों की उदासीनता के चलते नहरों में पानी नहीं आ रहा है नहरों में पानी की जगह धूल उड़ रही है।

क्षेत्र के जागरूक कृषक लक्ष्मी प्रसाद, रामनरेश यादव, रामधन, मायाराम रावत सहित किसानों का कहना है कि करीब 2 महीने से नहरों में पानी नही आ रहा है। जिन किसानों ने नहरों के पानी पर आश्रित होकर मंहगी जड़ और खाद दवा डालकर एवं खून पसीना बहाकर मेंथायल की रोपाई की थी उनकी मेंथायल की फसल या तो सूख गई है या सूखने की कगार पर है। इंजन अथवा पंपिंग सेट से 200 से 250 रुपए तक प्रति घंटा सिंचाई होने के चलते अधिकांश किसानों ने एक-दो सिंचाई के बाद मेथायल की फसल की सिंचाई करनी बन्द कर दी। लिहाजा उनकी मेथायल की फसल सूख गई।

जिससे ऐसे किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा। किसानों का कहना है कि बौनी मसूरी सहित धान की कुछ किस्मों की नर्सरी में विलम्ब हो रहा है। विलम्ब से धान की नर्सरी करने से जहां पैदावार कम हो जाती है तो वहीं फसल में रोग और कीट लगने की सम्भावना बढ़ जाती है। नहरों में पानी न आने से क्षेत्र के किसानों में सिंचाई विभाग के प्रति गहरा रोष व्याप्त है। क्षेत्र के किसानों ने मीडिया के माध्यम से जिलाधिकारी से नहरों में पानी छुड़वाने की मांग की है। इस बाबत जब सिंचाई विभाग शारदा सहायक खण्ड 28 के अधिशासी अभियंता नवनीत कुमार से बात की गई तो उनका कहना था कि 15 जून तक नहरों में पानी आने की सम्भावना है।

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