Haryana: हरियाणा में PM किसान सम्मान निधि में बड़ी गड़बड़ी, डुप्लीकेट लाभार्थियों के हजारों मामले उजागर
इसके अलावा 9700 से ज्यादा मामलों में यह पाया गया है कि जिसने जमीन बेची और जिसने जमीन खरीदी—दोनों ही इस योजना की किस्तें ले रहे हैं। जमीन बेचने वाले किसान इस योजना के तहत लाभ पाने के योग्य नहीं होते।
कम उम्र के लाभार्थी और पुराने मालिक भी ले रहे किस्तें
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक 1400 से अधिक मामले ऐसे मिले हैं जिनमें कम उम्र के या अपात्र व्यक्ति भी लाभ प्राप्त कर रहे हैं। 17 हजार किसान ऐसे हैं जो जमीन के पहले मालिक थे, लेकिन अब मालिक नहीं हैं, फिर भी किस्तें ले रहे हैं। फर्द से जुड़े 3000 से अधिक मामलों की जांच अभी भी जारी है।
अब तक राज्य में किसानों को 20 किस्तें दी जा चुकी हैं। योजना का दायरा समय के साथ बढ़ा है और अब सभी किसानों को इसका लाभ मिलता है। पहले यह योजना सिर्फ छोटे और मध्यम किसानों के लिए शुरू की गई थी, जिसे 1 जून 2019 से सभी किसानों पर लागू कर दिया गया।
किन किसानों को नहीं मिलता लाभ?
योजना में यह स्पष्ट नियम है कि किसान सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए। किसान आयकरदाता नहीं होना चाहिए। मंत्री, पूर्व मंत्री, सांसद, विधायक, मेयर, पंचायत चेयरमैन जैसे जनप्रतिनिधि भी इसके पात्र नहीं होते।
योजना के तहत किसानों को साल में तीन बार 2,000-2,000 रुपए, यानी कुल 6,000 रुपए प्रतिवर्ष केंद्र सरकार की ओर से सीधे खाते में भेजे जाते हैं।
हरियाणा में कितनी राशि मिली?
दिसंबर 2018 में शुरू हुई इस योजना के तहत अब तक हरियाणा के किसानों को 6917.37 करोड़ रुपए मिल चुके हैं। पहली किस्त में 12.48 लाख किसानों को 249.79 करोड़ रुपए मिले। जुलाई 2025 में 16.77 लाख किसानों को 353.69 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई।

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