IAS Success Story: छोटी उम्र में पिता का साया खोया: मां ने संभाला, अब बेटी बनी IAS अफसर

IAS Success Story: छोटी उम्र में पिता का साया खोया: मां ने संभाला, अब बेटी बनी IAS अफसर

IAS Success Story: संघर्षों से जूझते हुए दिबियापुर की रहने वाली तान्या गुप्ता ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा 2024 में ऑल इंडिया 720वीं रैंक हासिल कर इतिहास रच दिया है। तान्या की यह सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि उनके पिता का निधन तब हो गया था जब वह बहुत छोटी थीं। इसके बाद उनकी मां ने वार्ड आया की नौकरी करके बेटी को पढ़ाया और इस मुकाम तक पहुंचाया।

कठिन परिस्थितियों में भी नहीं छोड़ा हौसला

तान्या के पिता गोपाल कृष्ण गुप्ता, जो औरैया के एक स्कूल में गणित के शिक्षक थे, का 24 साल पहले बीमारी के कारण निधन हो गया था। परिवार की जिम्मेदारी उनकी मां अनीता उर्फ रानी गुप्ता के कंधों पर आ गई। उन्होंने वार्ड आया के रूप में काम करते हुए बेटी की शिक्षा में कोई कमी नहीं आने दी।

CBSE ने नॉन-टीचिंग पदों पर निकाली भर्ती, जानें पूरी आवेदन प्रक्रिया Read More CBSE ने नॉन-टीचिंग पदों पर निकाली भर्ती, जानें पूरी आवेदन प्रक्रिया

तान्या बताती हैं कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी, लेकिन मां ने हर हाल में उन्हें पढ़ने का मौका दिया।

IAS Success Story: 10 से 15 घंटे की सेल्फ-स्टडी, बिना कोचिंग वंदना मीणा बनीं IAS अफसर Read More IAS Success Story: 10 से 15 घंटे की सेल्फ-स्टडी, बिना कोचिंग वंदना मीणा बनीं IAS अफसर

पांचवें प्रयास में मिली सफलता

IAS Success Story: टीवी देखकर IAS बनने की ठानी, पहले प्रयास में UPSC क्रैक कर पूरा किया सपना Read More IAS Success Story: टीवी देखकर IAS बनने की ठानी, पहले प्रयास में UPSC क्रैक कर पूरा किया सपना

तान्या गुप्ता ने UPSC परीक्षा में पांचवें प्रयास में सफलता हासिल की। तीन बार वह प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) में असफल रहीं, जबकि चौथे प्रयास में साक्षात्कार (Interview) तक पहुंचीं। अंततः पांचवें प्रयास में उन्होंने 720वीं रैंक के साथ सफलता पाई

शिक्षा में हमेशा रहीं अव्वल

तान्या ने 2016 में इंटरमीडिएट परीक्षा में 95.2% अंक हासिल कर जिला टॉपर बनीं। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से बीएससी की डिग्री ली और फिर राजनीति विज्ञान (Political Science) में परास्नातक (MA) किया।

संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। यह परीक्षा तीन चरणों में आयोजित होती है। हर साल लाखों छात्र परीक्षा में शामिल होते हैं, जिनमें से केवल करीब 1000 उम्मीदवारों को ही सफलता मिलती है।

मां के संघर्ष को दी सफलता की सौगात

तान्या ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को दिया। उन्होंने कहा कि अगर मां ने कठिन हालात में मेरा साथ न दिया होता तो मैं आज यहां नहीं पहुंच पाती। यह सफलता मेरी नहीं, मेरी मां की मेहनत की जीत है।

About The Author

स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel