अवैध नर्सिंग होम और फर्जी पैथोलॉजी की चांदी ही चांदी, अवैध नर्सिंग संचालकों पर कब होगी कार्रवाई, मरीज व परिजनों के साथ की जाती है मनमानी

अवैध नर्सिंग होम और फर्जी पैथोलॉजी की चांदी ही चांदी, अवैध नर्सिंग संचालकों पर कब होगी कार्रवाई, मरीज व परिजनों के साथ की जाती है मनमानी

बस्ती। जिले में बिना पंजीकरण और मान्यता के संचालित हो रहे नर्सिंग प्रशिक्षण केंद्रों पर प्रशासन की चुप्पी सवाल खड़े कर रही है। बिना मानक सुविधा और योग्य प्रशिक्षकों के बावजूद ऐसे संस्थान खुलेआम संचालित हैं, जिससे छात्रों का भविष्य खतरे में है। सूत्रों के अनुसार, जिले में दर्जनों नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर न तो राज्य नर्सिंग परिषद से मान्यता प्राप्त हैं, न ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से उनका निरीक्षण कराया गया है। कई संस्थान तो साधारण मकानों और दुकानों में अवैध रूप से चल रहे हैं।रुधौली, भानपुर, हरैया जैसे कई बड़े बाजारों में भी फल-फूल रहे हैं अवैध नर्सिंग होम, जहां न तो प्रशिक्षित नर्स हैं और न ही बुनियादी चिकित्सा सुविधाएं। इन संस्थानों में स्वास्थ्य मानकों की जमकर अनदेखी की जा रही है।स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अधिकारियों को बार-बार शिकायत देने के बावजूद अब तक किसी भी संचालक पर प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई, जिससे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
 
लोगों की मांग है कि शासन व प्रशासन तत्काल जिले में चल रहे सभी नर्सिंग संस्थानों की जांच कराए और अवैध रूप से संचालित केंद्रों पर सख्त कार्रवाई करे, ताकि छात्रों और मरीजों दोनों का भविष्य सुरक्षित रह सके। इस अवैध कारोबार को न कोई रोकने वाला है और न ही कोई टोकने वाला। लिहाजा लापरवाही की वजह से ऐसे नर्सिंग होम में आये दिन जच्चा बच्चा की मौत होती रहती है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की मानें तो आशा कार्यकर्ता की सांठगांठ व कमीशन के बलबूते यह अवैध नर्सिंग होम संचालन का धंधा फल फूल रहा है और फर्जी नर्सिंग होम संचालकों के हौसले बुलंद हैं।नर्सिंग होम के संचालक मरीजों और उनके परिजनों के साथ मनमानी करते हैं। जिले भर में ऐसे कई मामले सामने चुके हैं लेकिन अभी तक कार्रवाई किसी संचालक पर नहीं हुई।

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