Haryana: हरियाणा में कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, कोर्ट ने सुनाया ये बड़ा फैसला
कोर्ट ने क्या कहा?
यह फैसला हाईकोर्ट की खंडपीठ जिसमें जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्रा और जस्टिस रोहित कपूर शामिल थे, द्वारा रोशन लाल नामक याचिकाकर्ता की अपील पर सुनवाई करते हुए सुनाया गया।
याचिकाकर्ता ने हरियाणा सिविल सर्विसेज (वेतन) नियम, 2016 के नियम 29, अध्याय VII को चुनौती दी थी। इस नियम के अनुसार, जो कर्मचारी 1 जुलाई को सेवा में नहीं है, उसे उस वर्ष का इन्क्रीमेंट नहीं दिया जाता।
याचिकाकर्ता का कहना था कि यह नियम उन कर्मचारियों के लिए अन्यायपूर्ण है जो वर्ष भर ईमानदारी से सेवा करते हैं लेकिन केवल 1 जुलाई को सेवा में नहीं होने की वजह से वे वेतनवृद्धि से वंचित रह जाते हैं।
कोर्ट ने माना कि यदि कोई कर्मचारी इन्क्रीमेंट वर्ष में कम से कम 9 महीने सेवा कर चुका है, तो केवल एक दिन (1 जुलाई) को सेवा में नहीं होने की वजह से उसका वेतनवृद्धि से वंचित रह जाना असंगत है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य सरकार को तकनीकी आधारों पर कर्मचारियों के वैधानिक अधिकारों से वंचित नहीं करना चाहिए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जो कर्मचारी इन्क्रीमेंट वर्ष में 6 माह या उससे कम सेवा करता है, उसे इस फैसले का लाभ नहीं मिलेगा।
हजारों कर्मचारियों को होगा लाभ
इस फैसले से हरियाणा सरकार के हजारों वेतनभोगी कर्मचारी, खासतौर पर वे जो सेवानिवृत्ति के वर्ष में हैं या 1 जुलाई से पहले रिटायर हो चुके हैं, उन्हें वेतनवृद्धि का लाभ मिलने का रास्ता साफ हो गया है।

Comment List