जांच में सामने आया कि अप्रैल और मई 2025 में खरीदे गए गेहूं के बैगों में जानबूझकर वजन में गड़बड़ी की गई थी। जहां 50 किलो वजन होना चाहिए था, वहां बैगों में केवल 20-25 किलो गेहूं भरा गया। शेष गेहूं बाजार में बेच दिया गया और स्टॉक में पूरा दिखाया गया।
प्रारंभिक जांच में पता चला कि 10 जून 2025 तक लगभग 2,427 क्विंटल गेहूं, जिसकी बाजार कीमत लगभग 68 लाख 61 हजार रुपये थी, अवैध रूप से बेच दिया गया। मामला तब सामने आया जब बैगों के वजन में गड़बड़ी की शिकायतें विभाग तक पहुंचीं।
डीएफएससी अनिल कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री उड़नदस्ते की टीम ने मौके पर पहुंचकर गड़बड़ी का खुलासा किया। जांच में पाया गया कि कई बैगों का वजन 10 से 15 किलो तक कम था और कुल करीब 4,902 बैग स्टॉक से गायब थे।
मुख्यालय से गठित जांच कमेटी ने 12 अगस्त से जांच शुरू कर 5 सितंबर को रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि खुले में रखे कई बैग आधे भरे और फटे हुए थे, जिनसे गेहूं निकालकर अवैध रूप से बेचा गया।
Read More Haryana: हरियाणा में लाइनमैन 27 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, विजिलेंस टीम ने की कार्रवाई चोरी को छुपाने के लिए बैगों के गेहूं पर पानी का छिड़काव किया जाता था ताकि वजन कम होने का शक न हो। यह भी जांच में सामने आया कि यह कार्य योजनाबद्ध तरीके से किया गया।
पुलिस का कहना है कि मामले की गहन जांच जारी है और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है। आगे की कार्रवाई रिपोर्ट के आधार पर की जाएगी।

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