खजनी तहसील में मूलभूत सुविधाओं का अभाव: पानी और शौचालय के लिए तरस रहे वादकारी

खजनी तहसील मे आरो पलांट खराब एक बुद पानी के लिए तरस जाते है बाद कारी सुखसागर राम तिवारी

खजनी तहसील में मूलभूत सुविधाओं का अभाव: पानी और शौचालय के लिए तरस रहे वादकारी

ख़जनी संवादाता /रामअशीष तिवारी

 ख़जनी : गोरखपुर जिले की खजनी तहसील, जहां रोजाना हजारों लोग मुकदमों, खतौनी की नकल, और भूमि के बैनामे जैसे कार्यों के लिए पहुंचते हैं, वहां मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। पीने के पानी और शौचालय जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए लोग परेशान हैं। तहसील परिसर में न तो ठंडे पानी की व्यवस्था है और न ही स्वच्छ शौचालय। अधिवक्ता और वादकारी बोतलबंद पानी खरीदने या दूर-दराज भटकने को मजबूर हैं। अधिवक्ताओं ने उपजिलाधिकारी से प्याऊ और शौचालय की व्यवस्था की मांग की है, लेकिन प्रशासन की उदासीनता के चलते समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।

पानी की बोतल साथ लाएं, वरना प्यासे रह जाएंगे

खजनी तहसील में रोजाना करीब छह हजार लोग विभिन्न कार्यों के लिए आते हैं। इनमें मुकदमों के निस्तारण, खतौनी की नकल, और बैनामा कराने वाले शामिल हैं। प्रत्येक बैनामे के लिए कम से कम चार लोग—क्रेता, विक्रेता और दो गवाह—आवश्यक होते हैं। इसके अलावा, तहसील में एक हजार से अधिक अधिवक्ता और उनके सहायक (मुंशी) कार्यरत हैं। इतनी भीड़ के बावजूद, परिसर में पीने के पानी का कोई इंतजाम नहीं है। खराब पड़े आरओ प्लांट और बिजली के झटके की शिकायतें आम हैं। अधिवक्ता सुखसागर राम तिवारी बताते हैं कि पानी की बोतल खरीदना मजबूरी बन गया है, क्योंकि परिसर में ठंडा पानी तो दूर, साधारण पानी भी उपलब्ध नहीं है।

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शौचालय की स्थिति बदहाल, महिलाओं-बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी

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तहसील परिसर में शौचालय की व्यवस्था भी नहीं है। अधिवक्ताओं के बैठने की जगह पर टॉयलेट का अभाव है, और पास के गांव सभा की ओर बना सुलभ शौचालय गंदगी से भरा रहता है। इससे खासकर महिलाओं और बच्चों को भारी असुविधा होती है। दूर जाने में समय बर्बाद होता है, जिससे वादकारियों के कार्य प्रभावित होते हैं। अधिवक्ता विजय सागर राम त्रिपाठी ने बताया कि उपजिलाधिकारी द्वारा तीन महीने में एक बार भी परिसर का निरीक्षण कर लिया जाए तो स्थिति सुधर सकती है, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते लोग परेशान हैं।
अधिवक्ताओं की मांग: तत्काल सुधार की जरूरत
अधिवक्ताओं का कहना है कि उपजिलाधिकारी और तहसीलदार की मौजूदगी के बावजूद व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। उन्होंने तहसील परिसर में प्याऊ और स्वच्छ शौचालय की मांग की है, ताकि वादकारियों और अधिवक्ताओं को राहत मिल सके। उपजिलाधिकारी खजनी से संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन फोन न उठने के कारण उनका पक्ष नहीं मिल सका।

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खजनी तहसील में मूलभूत सुविधाओं का अभाव प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है। हजारों लोगों की भीड़ के बीच पानी और शौचालय जैसी बुनियादी जरूरतों की अनदेखी न केवल असुविधा का कारण है, बल्कि तहसील की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाती है। प्रशासन को तत्काल कदम उठाकर इन समस्याओं का समाधान करना चाहिए, ताकि वादकारियों और अधिवक्ताओं को राहत मिले।

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