बेटियों की सुरक्षा पर सवाल है हरियाणा की मनीषा की मौत 

बेटियों की सुरक्षा पर सवाल है हरियाणा की मनीषा की मौत 

एक उन्नीस साल की लड़की का कालेज के रास्ते से गायब होना बेटी की गुमशुदगी से परेशान पिता की शिकायत पर पुलिस द्वारा 24 घंटे तक निष्क्रिय रहना दो दिन बाद लड़की का क्षत-विक्षत शव मिलना प्रथम दृष्टया रेप मर्डर का मामला प्रतीत होना लेकिन पुलिस द्वारा आत्महत्या का मामला बताना इसके बाद हरियाणा के लोगों का आक्रोश जताने के लिए सड़कों पर उतरना ये तमाम घटना चक्र सरकार और पुलिस प्रशासन की लापरवाही और गैर जिम्मेदार असंवेदनशील कार्य प्रणाली की ओर इशारा करता है।
 
समूचे देश में मनीषा की मौत चर्चा का विषय बन गयी है 19 वर्षीय होनहार युवा शिक्षिका मनीषा की मौत को 15 दिन बीतने और तीन पोस्टमार्टम होने के बाद भी खासकर हरियाणा के आमजन में मनीषा की मौत को हत्या और हत्या से पहले उसके साथ कुछ गलत होने की चर्चा है और आक्रोश व्याप्त है। बीते 21 अगस्त वीरवार को गांव में ही गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। जब सरकार ने मनीषा के परिवार की मनीषा की मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग स्वीकार की तब परिवार ने मनीषा के शव का अंतिम संस्कार किया। बेहद गमगीन माहौल में मृतका के छोटे भाई ने चिता को मुखाग्नि दी वहीं भारी संख्या में ग्रामीण, विभिन्न संगठनों के लोगों के अलावा प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस फोर्स तैनात रही। अब सबकी नजर सीबीआई की जांच पर टिकी हैं।  
 
आपको बता दें कि 11 अगस्त को शिक्षिका मनीषा स्कूल की छुट्टी के बाद एक मेडीकल कालेज में बीएससी नर्सिंग मे एडमिशन लेने के लिए जानकारी करने की बात कहकर गयी थी लेकिन वह घर वापस नही लौटी तो उसके पिता ने कालेज पहुच कर जानकारी की वहा गार्ड समेत तीन लोग शराबखोरी करते मिले और उन्होंने मनीषा के बारे में कोई जानकारी नहीं होने की बात कही। बेचारा पिता देर शाम थाने पहुंचा जहां कथित तौर पर उसके साथ पुलिस ने कोई हमदर्दी जताना या एक्शन लेना तो दूर उल्टा टिप्पणी की कि पिकनिक मनाने चली गई होगी खुद सुबह शाम मे वापसी आ जाएगी।
 
बताया गया है कि अगले दिन सुबह से पिता थाने पर बेटी की तलाश की प्रार्थना कर्ता रहा लेकिन पुलिस एक्टिव नहीं हुयी और 13 अगस्त को उसका शव सिंघानी गांव के खेतों में एक किनारे मिला।उसकी गर्दन चेहरा क्षतिग्रस्त था सलवार का नाड़ा टूटा व कुछ सलवार फटी हुई थी आंख तकरीबन गायब थी शव देख कर मौजूद लोगो ने मनीषा के साथ अनहोनी और हत्या किए जाने के आरोप लगाए। खुद पुलिस ने पहली तफसिया मे ऐसा माना। मनीषा की लाश मिलते ही लोगों में आक्रोश फैल गया हजारों लोग सड़कों पर प्रदर्शन करने लगे। पुलिस और प्रशासन को भी अब मामले की गंभीरता का अहसास होने लगा था बाद में मनीषा की पुलिस और मेडिकल जांच में कीटनाशक दवा के सेवन से मौत का कारण सामने आना बताया गया ।
 
मनीषा के शव का पहले भिवानी नागरिकअस्पताल में चिकित्सकों ने 13 अगस्त को शव का पोस्टमार्टम किया। लेकिन परिवार ने इस रिपोर्ट को सही नही माना और पुलिस प्रशासन के द्वारा मामले को झुठलाने की कोशिश बताया गया इसके बाद 15 अगस्त को पीजीआई रोहतक में पोस्टमार्टम किया गया। दोनों रिपोर्ट एक दूसरे से कुछ बिंदुओं पर विरोधाभास भरी थी इस लिए मनीषा के स्वजनों ने एम्स दिल्ली से पोस्टमार्टम कराने की मांग की। सरकार ने गुमशुदगी के नौ दिन बाद 20 अगस्त को सरकार ने सीबीआई जांच और पोस्ट मार्टम दिल्ली के एम्स में कराने की मांग स्वीकार की।और पोस्टमार्टम तीसरी बार एम्स में कराया गया। 
 
सरकार की छवि को धूमिल होता देख स्वजनों की मांग पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने खुद सामने आकर मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए। जिसके बाद बुधवार देर सायं गांव में चल रहा धरना समाप्त कर दिया गया और शव का अंतिम संस्कार किया गया। 
 
शिक्षिका मनीषा की मौत मामले में डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने बयान दिया कि परिजनों की मांग पर यह मामला सीबीआई को सौंपा गया है। जल्द से जल्द केस बनाकर सीबीआई को भेजा जाएगा। इसकी कुछ औपचारिकताएं होती है, जिन्हें पूरा किया जा रहा है।उनके अनुसार युवा शिक्षिका की मौत मामले में सभी जांच साइंटिफिक तरीके से हुई है पीजीआई और मधुबन में राष्ट्रीय स्तरीय लैब है, जहां टेस्ट करवाए है। प्रदेश के डॉक्टरों व वैज्ञानिकों की निष्ठा पर कोई प्रश्नचिह्न नहीं है। परिजनों की मांग और उनकी संतुष्टि के लिए एम्स में पोस्टमार्टम करवाया गया और सीबीआई को जांच सौंपी गई है।
बता दें कि मनीषा मामले में अभी काफी मेडिकल रिपोर्ट के परिणाम आना बाकी, रिपोर्ट सीबीआई को सौपी जाएगी। उनका आरोप है कि कुछ शरारती लोगों ने सुर्खियां बटोरने के लिए गलत वीडियो डाले, उन पर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है, जिन पर कार्रवाई की जाएगी।एक यू-ट्यूबर को हिरासत में लिया गया है। 
 
सुसाइड नोट पर देरी के बारे में उन्होंने सफाई दी कि सुसाइड नोट मनीषा के बैग में मिला था। बगैर जांच व बेटी की निजता के चलते पत्र सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। जो सुसाईड नोट मिला, उसको सही-गलत सिद्ध करने में समय लगा है। शव को पहली बार खेत के मालिक के पास काम करने वाले युवक ने देखा। शव को कुत्तों का झुंड नोंच रहा था। बाद में युवक और खेत के मालिक दोनों ने कुत्तों को भगाकर देखा तो यह शव युवती का था। जिसकी सूचना उन्होंने पुलिस को दी। मनीषा एक स्कूल बस में जाती थी। उसके ड्राइवर ने उस दिन उसे फोन भी किया था मगर उसने कहा कि वह अभी घर नहीं जाएगी। जिसके बाद एक कीटनाशक की दुकान से कीटनाशक खरीदने के सबूत है। उस दुकानदार के भी बयान लिए गए है। 
सीसीटीवी में भी वह नजर आई है। कीटनाशक का कुत्तों पर असर नहीं होने के बारे में उन्होंने बताया कि जहर पहले शरीर के अंदुरूनी भागों में फैलता है, उसके बाद त्वचा व शरीर के ऊपरी भागों तक पहुंचता है। गले और सिर पर सबसे आखिरी में असर होता है। पोस्टमार्टम प्रक्रिया की वीडियाग्राफी भी करवाई गई है।
 
बहरहाल अब सीबीआई इस मामले का अनावरण करेगी लेकिन हरियाणा के आमजन आज भी मनीषा की मौत सुसाइड का मामला मानने को तैयार नहीं है और उनके आरोप है कि पुलिस का रवैया शुरुआत से ही बेहद शर्मनाक और असंवेदनशील रहा है यदि पुलिस पिता की पहली सूचना पर सक्रिय होती तो मनीषा के साथ अनहोनी को टाला जा सकता था। अधिकांश लोगों का मानना है कि मनीषा के साथ अनहोनी हुई है उसकी हत्या की गई है और कोई राजनीतिक असरदार रसूखदार अपराधी के शामिल होने के कारण हत्या को आत्महत्या करार दिया जा रहा है। बहरहाल सीबीआई जांच से मामले की कलई खुल सकती है हालांकि सीबीआई का भी ऐसे मामलों में ट्रेक रिकार्ड बेहतर नही है। तथापि कहा जा सकता है कि हरियाणा की होनहार बेटी मनीषा की मौत बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को धूमिल करती है और व्यवस्था की नारी सुरक्षा के प्रति असंवेदनशीलता पर सवाल खड़े करती है । 

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