उत्तर प्रदेश में महिला नेतृत्व विकास के साथ-साथ समाज सेवा का नया अध्याय- सरिता देवी / पुष्पा देवी
महिलाएं केवल विकास का हिस्सा नहीं, बल्कि समाज सेवा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रही हैं।
मुख्य उद्देश्य सरकार और जनता के बीच की दूरी को कम करना।
अजित सिंह/राजेश तिवारी ( ब्यूरो रिपोर्ट)
किसी भी प्रदेश की प्रगति का आकलन वहाँ की महिलाओं की स्थिति से किया जाता है। एक शिक्षित और सशक्त महिला समाज को भी उतना ही सुशिक्षित और संस्कारवान बनाती है। पिछले सात सालों में उत्तर प्रदेश में ऐसा ही बदलाव देखने को मिल रहा है, जहाँ महिलाएं न केवल विकास का हिस्सा बन रही हैं, बल्कि समाज सेवा में भी बढ़-चढ़कर योगदान दे रही हैं।

इसी क्रम में, सोनभद्र के ओबरा विधानसभा में भाजपा की मंडल महामंत्री सरिता देवी और मंत्री पुष्पा दुबे ने एक अनूठी पहल शुरू की है। ये दोनों महिलाएं घर-घर जाकर लोगों को सरकार की विकास योजनाओं के बारे में बता रही हैं। उनके पास एक विशेष पुस्तक है जिसमें सरकार द्वारा किए गए कार्यों और जन-कल्याणकारी योजनाओं का पूरा ब्यौरा है। सरिता देवी और पुष्पा दुबे का मानना है कि वर्तमान सरकार ने जितना काम किया है, उतना पहले कभी नहीं हुआ।

वे लोगों को समझा रही हैं कि सरकार की योजनाएं कैसे उनके जीवन को बेहतर बना रही हैं। उनका मुख्य उद्देश्य सरकार और जनता के बीच की दूरी को कम करना और लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। वे न केवल सड़कों, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की जानकारी दे रही हैं, बल्कि सुकन्या समृद्धि योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, और मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना जैसी महिला-केंद्रित योजनाओं का भी जिक्र कर रही हैं। इन योजनाओं ने महिलाओं के जीवन स्तर में महत्वपूर्ण सुधार किया है।
पुष्पा दुबे ने कहा, गरीब और असहाय लोगों की मदद करना सबसे बड़ा पुण्य है। हमें सभी धर्मों के लोगों को मिलकर भूखे और लाचारों की मदद करनी चाहिए। सरिता देवी और पुष्पा दुबे केवल राजनीतिक कार्यों तक ही सीमित नहीं हैं। वे समाज सेवा में भी सक्रिय रूप से लगी हुई हैं। उन्होंने कई गरीबों को प्लास्टिक का तिरपाल और कंबल देकर उनकी मदद की है।
उनका यह कदम समाज में सेवा और समर्पण की भावना को बढ़ावा दे रहा है। पुष्पा दुबे और सरिता देवी का यह प्रयास यह दर्शाता है कि महिलाएं न केवल विकास की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार हो सकती हैं, बल्कि समाज में सद्भाव और सेवा की भावना भी बढ़ा सकती हैं। उनका मानना है कि जब तक हम गरीबों के दुख में साथ नहीं देंगे, तब तक हमारा समाज अधूरा है। जय हिंद, जय भारत का नारा लगाते हुए उन्होंने कहा कि उनका अगला कार्यक्रम भी समाज की सेवा के लिए ही होगा।

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