ओबरा तापीय विद्युत परियोजना में 79वाँ स्वतंत्रता दिवस भव्य रूप से मनाया गया
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात हमारा देश चहुंमुखी विकास कर निरंतर प्रगति की तरफ अग्रसर - मुख्य महाप्रबंधक
मुख्य महाप्रबंधक ने बिजली के उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
अजित सिंह / राजेश तिवारी ( ब्यूरो रिपोर्ट)
यू0पी0 राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के अंतर्गत संचालित ओबरा तापीय विद्युत परियोजना में 79वाँ स्वतंत्रता दिवस राष्ट्रप्रेम, उल्लास एवं गरिमा के वातावरण में भव्य रूप से मनाया गया। भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

प्रातः 08ः00 बजे ध्वजारोहण के साथ समारोह का शुभारम्भ हुआ। ओबरा परियोजना के मुख्य महाप्रबन्धक इं0 आर0के0 अग्रवाल ने ध्वजारोहण कर राष्ट्रगान के उपरांत उपस्थित अधिकारियों, कर्मचारियों एवं नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात हमारा देश चहुमुखी विकास कर निरन्तर प्रगति की तरफ अग्रसर है। देश की प्रगति एवं विकास के लिए पर्याप्त तथा निरन्तर विद्युत आपूर्ति का होना आवश्यक है। मुख्य महाप्रबंधक ने आगे कहा कि आज भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और तेजी से तीसरे स्थान की ओर बढ़ रहा है।

यह बदलाव सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि देशवासियों के सपनों, मेहनत और संकल्प का परिणाम है। आज का भारत सिर्फ पीछे चलने वाला नहीं, बल्कि दुनिया को दिशा देने वाला बन चुका है। इस साल के स्वतंत्रता दिवस पर केंद्र सरकार ने इसका आधिकारिक थीम घोषित किया है “नया भारत”। यह थीम भारत के विकास के उस दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें वर्ष 2047 तक एक विकसित, समृद्ध, सुरक्षित और आत्मनिर्भर राष्ट्र का निर्माण हमारा लक्ष्य है जिसे सरकार ‘विकसित भारत’ मिशन कहती है।
उन्होंने भाषण में एक दिलचस्प दृष्टांत देते हुए कहा कभी लोग कहते हैं कि बिजली तो बस एक बटन दबाने से आ जाती है, लेकिन असल में उस बटन के पीछे ओबरा जैसी परियोजनाओं में हजारों हाथ दिन-रात मेहनत कर रहे होते हैं। सोचिए, अगर बिजली न हो जाए तो टीवी बंद,Wi-Fi गायब और बच्चे किताबें खोल लें-यह तो क्रांति हो जाएगी! इसलिए बिजली का महत्व समझना और उसका सही उपयोग करना जरूरी है। ओबरा सिर्फ बिजली नहीं देता, बल्कि उम्मीदें रोशन करता है। जैसे एक पॉवर प्लांट सिर्फ एनर्जी का स्रोत नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण छोड़ने का संकल्प भी है।
मुख्य महाप्रबन्धक ने बताया कि ओबरा ‘ब’ परियोजना की 200मे0वा0 क्षमता की पाॅंचों इकाईयाॅ काफी पुरानी हो चुकी है फिर भी ये इकाइयाँ आज भी मजबूत और स्थिर प्रदर्शन कर रही हैं, जिससे यह साबित होता है कि हमारी टीम का समर्पण और मेहनत किसी भी चुनौती का सामना कर सकती है, इन पुरानी इकाइयों ने वर्षों से देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो अनवरत् जारी है।
ओबरा ‘सी’ परियोजना का शुभारम्भ 22 दिसम्बर 2016 को हुआ, कोविड-19 जैसी चुनौतियों को पार करते हुए कार्य पूर्ण कर पहली इकाई दिनांक 09 फरवरी 2024 से निरन्तर उत्पादनरत् है, वहीं दूसरी इकाई भी जुलाई 2025 से वाणिज्यिक लोड पर उत्पादनरत् हो गयी है। ओबरा ‘सी’ परियोजना से प्रदेश को 1320मे0वा0 की विद्युत आपूर्ति की जा रही है।
प्रदेश में बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए, ओबरा ‘डी’ परियोजना की 800मे0वा0 की दो इकाइयों की स्थापना की दिशा में भी काम आगे बढ़ रहा है। इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण और आवश्यक तैयारियों में सभी का सहयोग अपेक्षित है, ताकि उत्तर प्रदेश आत्मनिर्भर ऊर्जा उत्पादन में और आगे बढ़ सके।
समारोह में मुख्य अभियन्ता (ब) इं0 एस0एन0 मिश्र, मुख्य अभियन्ता (स) इं0 एस0के0 सिंघल, मुख्य अभियन्ता (जानपद), इं0 दिवाकर स्वरूप, सी0आई0एस0एफ0 कमाण्डेट एस0के0 सिंह तथा अधीक्षण अभियन्तागण इं0 ए0के0 राय, इं0 मनीष यादव, इं0 ए0के0 पाण्डेय, इं0 मणिशकर राय इं0 अब्दुल निशांत, इं0 डी0 के0 सिंह, इं0 सुधांशु यादव, सी0एम0ओ0 डा0 पी0के0 सिंह, अधिशसी अभियन्तागण इं0 दिलीप सिंह, इं0 छत्रपाल सिंह, इं0 राजा राम गुप्ता तथा अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी अखिलेश कुमार, शेषनाथ, अरूण सिंह, धनंजय शुक्ला, अरूण सिंह आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम में उद्बोधन का कार्य अनिल सिंह तथा संपूर्ण कार्यक्रम के संचालन का कार्य अनुराग मिश्र के निर्देशन में सम्पन्न हुआ।

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