ओबरा में किशोरों की बिगड़ती स्थिति पर प्रशासन को ज्ञापन,सोन चेतना ने जताई चिंता

नगर के 15 से 21 वर्ष के युवाओं में शिक्षा से दूरी, स्थानीय प्रसाशन से रोक लगाने की मांग

ओबरा में किशोरों की बिगड़ती स्थिति पर प्रशासन को ज्ञापन,सोन चेतना ने जताई चिंता

ओबरा नगर क्षेत्र का मामला

अजित सिंह/ राजेश तिवारी ( ब्यूरो रिपोर्ट) 

सोनभद्र ( ओबरा)/उत्तर प्रदेश

ओबरा नगर में किशोरों और युवाओं की बिगड़ती शैक्षणिक, नैतिक और सामाजिक स्थिति को लेकर सोन चेतना सामाजिक संगठन ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। संगठन के युवाओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने महीने के पहले शनिवार को आयोजित तहसील समाधान दिवस में तहसीलदार को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है, जिसमें इस समस्या के समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है।

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ज्ञापन में कहा गया है कि नगर के 15 से 21 वर्ष के युवाओं में शिक्षा से दूरी, अनुशासनहीनता, नशे और मोबाइल की लत, आपसी गुटबाजी, हिंसा और सार्वजनिक स्थलों पर आवारागर्दी जैसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। संगठन ने हाल ही में ओबरा के सेक्टर-8 में हुई मारपीट की घटना का हवाला देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं स्थानीय प्रशासन और शिक्षा व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती बन रही हैं।

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प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि यह केवल कानून-व्यवस्था की विफलता नहीं है, बल्कि पारिवारिक, शैक्षणिक और संस्थागत व्यवस्थाओं के बीच तालमेल की कमी का परिणाम है। अगर इस पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो नगर की अगली पीढ़ी सामाजिक पतन की ओर बढ़ जाएगी।

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ज्ञापन में इस गंभीर समस्या को नियंत्रित करने के लिए कई महत्वपूर्ण माँगें और सुझाव दिए गए हैं। विद्यालयों में नैतिक शिक्षा को अनिवार्य किया जाए, उपस्थिति की नियमित जांच हो, मोबाइल पर प्रतिबंध लगे और अनुशासन को सख्ती से लागू किया जाए। किशोरों के लिए मानसिक परामर्श शिविर, मार्गदर्शन सत्र और पुनर्वास योजनाएं शुरू की जाएं। बाल कल्याण समिति (CWC) को सक्रिय कर स्कूल छोड़ चुके और तनावग्रस्त किशोरों की पहचान कर उनका मार्गदर्शन किया जाए।

स्कूलों, पार्कों और सार्वजनिक स्थलों के पास खुलेआम बिकने वाली नशे की सामग्री (तंबाकू, गांजा, सिगरेट) पर रोक लगाने के लिए छापेमारी अभियान चलाया जाए। साथ ही, पुलिस गश्त बढ़ाई जाए और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।युवा दीक्षित संवाद जैसे कार्यक्रम शुरू किए जाएं ताकि युवाओं को जीवन कौशल और समाजोपयोगी कार्यों के लिए प्रेरित किया जा सके। सभी विद्यालयों में सांस्कृतिक, खेलकूद और नैतिक शिक्षा की गतिविधियों को अनिवार्य किया जाए। ज्ञापन देने वाले प्रमुख सदस्यों में अभिषेक अग्रहरी (संयोजक), विकास पाठक, आशीष सोनकर, सिद्धांत पटेल, शिवम् सिंह, सुरेंद्र यादव, और साहिल राव शामिल थे।

सभी ने एक स्वर में प्रशासन से आग्रह किया कि इस ज्ञापन को गंभीरता से लिया जाए और शिक्षा, समाज कल्याण, पुलिस और नगर प्रशासन के समन्वय से एक प्रभावी कार्ययोजना लागू की जाए ताकि नगर के युवाओं को सही दिशा दी जा सके।

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