वाराणसी के BHU में जिंदगी और मौत से जूझ रही सोनभद्र की सपना ,दिहाड़ी मजदूर पिता बेबस

दिहाड़ी मजदूर पिता ने लगाई, मानवीय मदद की गुहार

वाराणसी के BHU में जिंदगी और मौत से जूझ रही सोनभद्र की सपना ,दिहाड़ी मजदूर पिता बेबस

टीम निशा बबलू सिंह का सराहनीय कदम, समाजसेवी डब्लू सिंह सहित अन्य लोगों ने सपना के ईलाज के लिए बढ़ाया हाथ

अजित सिंह /राजेश तिवारी ( ब्यूरो रिपोर्ट) 

सोनभद्र(रेणुकूट) / उत्तर प्रदेश-

सोनभद्र जिले के रेणुकूट की सपना बिटिया पिछले 10-12 दिनों से वाराणसी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के बाल रोग विभाग के PICU (Pediatric Intensive Care Unit) रूम में जीवन के लिए संघर्ष कर रही है। एक दिहाड़ी मजदूर की बेटी सपना की नाजुक हालत को देखते हुए उसे बचाने के लिए एक मानवीय मुहीम चलाई जा रही है, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों से लोग आर्थिक सहयोग के लिए आगे आ रहे हैं।

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यह स्थिति न केवल परिवार के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। सपना के पिता सूरज कुमार मूल रूप से मोहाली सोनभद्र के रहने वाले हैं और पिछले 15 से 20 सालों से रेणुकूट क्षेत्र में दिहाड़ी मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का जीवन यापन करते चले आ रहे हैं। सूरज कुमार चेन्नई दिहाड़ी मजदूरी करने गए थे, तभी उनकी पत्नी ने उन्हें फोन पर बताया कि उनकी बिटिया सपना की तबीयत अचानक खराब हो गई है और उसकी हालत नाजुक होती जा रही है।

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सपना न तो बोल पा रही है, न खा पा रही है, न चल पा रही है और न ही अपनी आँखें खोल पा रही है। बेटी की हालत बिगड़ते ही सूरज कुमार ने चेन्नई से रेणुकूट में गरीब और असहाय लोगों की मदद करने वाले समाजसेवी डब्लू सिंह को फोन कर अपनी बेटी की परेशानी बताई। डब्लू सिंह ने तुरंत ही स्थिति को संभाला और सपना को हिंडाल्को अस्पताल से लेकर वाराणसी के बीएचयू अस्पताल में भर्ती करवाया।

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तब से सपना को बचाने के लिए यह मानवीय मुहीम चलाई जा रही है। सूरज कुमार के दो बच्चे हैं, एक छोटा लड़का और बड़ी बेटी सपना। परिवार की आर्थिक तंगी उनके सामने एक बड़ी चुनौती बनकर खड़ी है। आज सोनभद्र के कुछ सामाजिक कार्यकर्ता सपना के स्वास्थ्य का हाल जानने के लिए BHU अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बिटिया के स्वास्थ्य का कुशलक्षेम पूछा और उसके इलाज के लिए आर्थिक सहयोग भी प्रदान किया।

यह एक हृदय विदारक स्थिति है, जहां एक छोटी बच्ची जीवन के लिए संघर्ष कर रही है और उसके परिवार के पास इलाज के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। इस मुहीम में एक बड़ी बहन समान रविंदरजीत कौर ने अमेरिका से 15,000 रुपये का महत्वपूर्ण सहयोग भेजा है, जो सपना के इलाज के लिए एक बड़ी मदद है। अब तक सपना के इलाज के लिए कुल 65,000 रुपये का सहयोग इकट्ठा किया जा चुका है। हालांकि परिवार के अनुसार अभी भी और अधिक धन की आवश्यकता है क्योंकि इलाज का खर्च काफी अधिक है।

सबसे बड़ी बाधा यह है कि परिवार के पास कोई गरीब कार्ड या अन्य ऐसी सुविधा नहीं है, जिससे नि:शुल्क इलाज मिल सके। इसके चलते उन्हें इलाज के हर छोटे-बड़े खर्च के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। सोनभद्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिले के सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम जनता से हाथ जोड़कर निवेदन किया है कि वे इस दु:खद घड़ी में सपना बिटिया की जिंदगी बचाने के लिए यथासंभव योगदान दें। यह योगदान किसी भी रूप में हो सकता है, चाहे वह आर्थिक सहायता हो या लोगों तक यह संदेश पहुंचाने में मदद हो।

यह समय है जब सोनभद्र के लोग एकजुट होकर एक बेटी की जान बचाने के लिए सामने आएं। आपके छोटे से सहयोग से एक मासूम की जिंदगी बच सकती है। जिन्होंने भी अभी तक सपना के लिए सहयोग किया है, उन सभी प्रियजनों के प्रति आयोजकों ने शीश झुकाकर आभार व्यक्त किया है। उन्होंने यह भी अपील की है कि इस संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक शेयर किया जाए, ताकि यह जानकारी दूर-दूर तक फैल सके और सपना की जिंदगी बचाने में और अधिक सहयोग मिल सके।समाजसेवी डब्लू सिंह से +91 73096 48448 पर संपर्क कर सपना की मदद की जा सकती है। क्या आप सपना बिटिया की मदद के लिए आगे आना चाहेंगे।

स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।

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