सोनभद्र में सिविल डिफेंस का हुआ शुभारंभ जिलाधिकारी ने की समीक्षा बैठक, स्वयंसेवकों से की जुड़ने की अपील
सिविल डिफेंस के लिए प्राप्त आवेदन पत्रों का पुलिस के माध्यम से सत्यापन की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए- जिलाधिकारी
कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक सम्पन्न।
अजित सिंह / राजेश तिवारी ( ब्यूरो रिपोर्ट)
सोनभद्र में नागरिक सुरक्षा संगठन (सिविल डिफेंस) का विधिवत शुभारंभ हो गया है. इसी संबंध में बुधवार को जिलाधिकारी बी.एन. सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की । बैठक के क्रम में उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सिविल डिफेंस के लिए प्राप्त सभी आवेदन पत्रों का पुलिस के माध्यम से सत्यापन की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
जिलाधिकारी ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए सिविल डिफेंस के महत्व पर प्रकाश डाला और उन्होंने बताया कि सिविल डिफेंस, जुलूस, धार्मिक आयोजन, युद्ध और प्राकृतिक आपदा जैसी आपातकालीन स्थितियों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह प्रशासन और नागरिकों के बीच की एक अहम कड़ी है, उन्होंने स्मरण कराया कि सिविल डिफेंस की शुरुआत 1962 में भारत-चीन युद्ध के समय की गई थी।
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जिलाधिकारी ने बताया कि सिविल डिफेंस में सम्मिलित होने के इच्छुक व्यक्तियों को आवेदन पत्र जमा करना होगा. जो व्यक्ति समाज सेवा से जुड़ना चाहते हैं, वे अपना आवेदन पत्र भरकर जमा कर सकते हैं. आवेदन के पश्चात व्यक्ति का पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाएगा और उसके सफल होने पर परिचय पत्र जारी किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सिविल डिफेंस में कोई भी व्यक्ति जो किसी राजनीतिक दल से संबंध न रखता हो, वह आवेदन कर सकता है।
जनपद स्तर पर एक व्यक्ति का चयन चीफ वार्डन के पद पर किया जाएगा, जबकि अन्य चयनित व्यक्ति वार्डन पद पर रहेंगे, सिविल डिफेंस के नागरिकों को समय-समय पर विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण भी दिए जाएंगे, जिनका खर्च सरकार या संबंधित संस्थान वहन करेगा. यह पद पूर्णतया निःशुल्क सेवा है और चयनित व्यक्ति को किसी प्रकार का मानदेय देय नहीं होगा।जिलाधिकारी ने बताया कि सिविल डिफेंस के लोग किसी भी प्रकार की दैवीय आपदा, महामारी, एक्सीडेंट, आगजनी, परिवहन सेवा आदि से संबंधित समस्याओं में अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करते हैं।
नागरिक सुरक्षा संगठन की देखरेख के लिए अधिकारी, क्लर्क और अन्य कार्मिक नियुक्त होते हैं, इनके पास सायरन, स्वास्थ्य चिकित्सा के लिए स्ट्रेचर जैसी सुविधाएं और अग्निशमन सामग्री भी उपलब्ध होती है, सिविल डिफेंस का मुख्य उद्देश्य जीवन की रक्षा करना, संपत्ति को सुरक्षित रखना, उत्पादन की निरंतरता बनाए रखना और जनता के मनोबल को बढ़ाए रखना है।
इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य विकास अधिकारी जागृति अवस्थी, अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) वागीश कुमार शुक्ला, अपर पुलिस अधीक्षक मुख्यालय अनिल कुमार, जिला विकास अधिकारी हेमंत कुमार सिंह, उप जिलाधिकारी घोरावल, उप जिलाधिकारी ओबरा विवेक कुमार सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी नमिता शरण, जिला समाज कल्याण अधिकारी ज्ञानेंद्र कुमार भदौरिया, अपर जिला सूचना अधिकारी विनय कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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