राम की धरती से शुरू हुआ ‘धर्म युद्ध’ कैसे बन गया मर्यादा, सत्य और धर्म का संदेश?
कुल मिलाकर अगर पाकिस्तान नहीं सुधरा तो आने वाले समय में आतंकवाद के खिलाफ भारत और अधिक मजबूती से जवाब देने को तैयार है। इसका अंदाजा ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से दुनिया को भी लग गया है।
’निसिचर हीन करउँ महि, भुज उठाइ पन कीन्ह’ दोहे की पंक्तियों में वीर रस का ऐसा भाव है, जो दीनों की दुर्दशा या धर्म की हानि देखते ही मानवता के शत्रु का समूल नाश करने की प्रतिज्ञा लेता है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद भुज एयरबेस से भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस देश के आराध्य भगवान राम की अन्याय के खिलाफ प्रतिज्ञा को दोहराया। श्रीरामचरितमानस के बालकांड के इस दोहे का भाव सदियों से भारत का संस्कार है, जिसका अर्थ है- ‘भगवान राम ने अपने हाथों को उठाकर प्रण लिया कि वह पृथ्वी को राक्षसों से मुक्त करेंगे।’ आज आतंकवाद रूपी राक्षस का समूल नाश करने के लिए भगवान राम को आदर्श मानने वाले देश ने एक बार फिर ये प्रतिज्ञा दोहराई है।
पिक्चर अभी बाकी है
सीजफायर के बाद ऑपरेशन ‘सिंदूर’ को लेकर सवाल उठाने वालों की शंका पर अब विराम लग जाना चाहिए। भुज एयरबेस से रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर एक ट्रेलर मात्र था, सही समय पर हम पूरी पिक्चर भी दुनिया को दिखाएंगे। पाकिस्तान को गुड बिहेवियर के लिए प्रोबेशन पर रखा है, अगर उसके व्यवहार में गड़बड़ी आती है तो उसे कड़े से कड़ा दंड दिया जाएगा।‘ यानी ये तो स्पष्ट है कि रणनीतिक कारणों से ऑपरेशन सिंदूर को भले ही स्थगित किया गया हो, लेकिन यह किसी भी तरह से पीछे हटना नहीं है। यह केवल एक रणनीतिक विश्राम है ताकि आतंकवाद के खिलाफ अगला कदम और अधिक सटीक और प्रभावशाली हो। पहले प्रधानमंत्री और अब रक्षामंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ जंग अभी जारी है और यह निर्णायक होगी। इससे यह भी जाहिर होता है कि आतंक के पनाहगार-पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी तरह की नरमी भारत नहीं बरतेगा।
आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक ऐलान
भारत का यह रूप न केवल देशवासियों को सुरक्षा का भरोसा देता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी मर्यादा, सत्य और धर्म का संदेश दे रहा है। आतंकवाद के विरुद्ध यह लड़ाई अब एक राष्ट्रीय संकल्प बन चुकी है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का यह बयान कि हम हमारे आराध्य श्रीराम का अनुसरण करते हुए आगे बढ़ रहे हैं, जिसमें वह आसुरी शक्ति का विनाश करने का प्रण लेते हैं, ये जाहिर करता है कि जैसे हर युग में भारत भूमि से राक्षसों का नास किया गया, ठीक उसी प्रकार आज आतंकवाद को जड़ से खत्म करने का संकल्प पूरा होने तक किसी भी निर्णय को आखिरी नहीं माना जाए। इस बात से यह साबित होता है कि वाकई आज हमारी सोच और सामर्थ्य दोनों में बदलाव आया है। ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के जरिए भारत ने दुनिया को बड़ा संदेश दिया है कि अब भारत आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा। इसके लिए अब कूटनीति के साथ-साथ सैन्य शक्ति का भी इस्तेमाल खुलेआम किया जाएगा।
‘शठे शाठ्यम समाचरेत्’
जिन लोगों को ये लगता है कि ऑपरेशन सिंदूर को रोके जाने से कहीं हम पाकिस्तान की चाल में तो नहीं फंस रहे, उनकी या पड़ोसी मुल्क की सभी गलतफहमियों को दूर करने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के ‘शठे शाठ्यम समाचरेत्’ अर्थात् दुष्ट के साथ दुष्टता के ही व्यवहार वाले संदेश पर गौर करना चाहिए। ‘सठ सन बिनय कुटिल सन प्रीति। सहज कृपन सन सुंदर नीति। ममता रत सन ज्ञान कहानी। अति लोभी सन बिरती बखानी। क्रोधिहि सम कामिहि हरिकथा। उसर बिज बए फल जथा। अर्थात् मुर्ख से विनय, कुटिल के साथ प्रीति, स्वाभाविक ही कंजूस से उदारता का उपदेश, ममता में फंसे हुए मनुष्य से ज्ञान की कथा, अत्यंत लोभी से वैराग्य का वर्णन, क्रोधी से शम (शांति) की बात और कामी से भगवान की कथा, इनका वैसा ही फल होता है जैसा उसर में बीज बोने से होता है। पाकिस्तान की प्रवृत्ति को बताते हुए रामचरितमानस की गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित इस चौपाई के जरिए राजनाथ सिंह ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि भारत पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद पर पर्दा डालने की किसी भी कोशिश को कामयाब नहीं होने देगा। उसका असल चेहरा अब किसी से छिपा नहीं रहा।
एक के बाद एक सभी झूठ बेनकाब
कुल मिलाकर अगर पाकिस्तान नहीं सुधरा तो आने वाले समय में आतंकवाद के खिलाफ भारत और अधिक मजबूती से जवाब देने को तैयार है। इसका अंदाजा ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से दुनिया को भी लग गया है। इसमें कोई शक नहीं कि ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकरोधी रणनीति को नई मजबूती दी है। यह ऑपरेशन न केवल आतंकी नेटवर्क पर करारा प्रहार था बल्कि इससे जुड़ी सूचनाओं ने पाकिस्तान के कई भ्रामक दावों को भी उजागर किया।
इसके साथ ही इस ऑपरेशन में जिस तरीके से उच्च स्तरीय इंटेलिजेंस का प्रयोग करते हुए जिन ठिकानों पर कार्रवाई की गई, उससे साबित होता है कि वे पहले से निगरानी में थे। इस तरह की सटीक कार्रवाई ने आतंकी नेटवर्क की रीढ़ तोड़ने में मदद की है।और इस बात को अब अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी स्वीकार करने लगा है। कई ब्रिटिश पत्रकारों ने मोदी की आतंकवाद के खिलाफ मुहीम को सही बताते हुए साथ दिया। प्रसिद्ध ब्रिटिश लेखक और पत्रकार मार्क टुली ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पीएम मोदी की आवाज को बुलंद किया है। ब्रिटिश पत्रकार सैम स्टीवेन्सन ने भी भारत के लोकतांत्रिक उत्साह की सराहना की है।
सुरक्षा बलों का तालमेल और साहस
ऑपरेशन सिंदूर में सभी भारतीय सुरक्षाबलों, NIA और IB ने मिलकर काम किया। यह समन्वय दर्शाता है कि भारत आतंकवाद से निपटने में एक संयुक्त दृष्टिकोण अपना रहा है। ऐसी कार्रवाइयां न केवल फिजिकल रूप से आतंकियों को खत्म करती हैं, बल्कि उनके नेटवर्क और समर्थकों के मनोबल को भी गहरा आघात पहुंचाती हैं। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय विश्वसनीयता व दृढ़ता और मजबूत हुई है।
भारत की बदलती रक्षा नीति और संकल्प का प्रमाण बन चुके ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को यह संदेश दिया है कि कोई भी देश आतंक को शह देगा तो उसे राजनीतिक या सैन्य स्तर पर जवाब जरूर मिलेगा। दहशतगर्दी का समर्थन करने वालों के लिए वाकई आतंकवाद के माथे पर खींची गई ‘सिंदूर’ की इस लाल लकीर को हलके में लेने की गलती दोहराना खुद के सर्वनाश को न्योता देने से कम नहीं होगा।
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