जिलाधिकारी ने विकास भवन में मारा छापा, 36 कर्मचारी मिले गायब
औचक निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित कार्मिकों को स्पष्टीकरण जारी करने के दिये निर्देश
कार्यालय परिसर में साफ-सफाई व्यवस्था बेहतर ढंग से की जाये सुनिश्चित-जिलाधिकारी
अजित सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट)
जिलाधिकारी बी.एन. सिंह ने आज सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर विकास भवन स्थित कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया, जिससे कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। निरीक्षण के दौरान मत्स्य विभाग के सहायक निदेशक, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी समेत कुल 36 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए।
जिलाधिकारी ने इन सभी अनुपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए भविष्य में समय पर कार्यालय आने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने संबंधित विभागाध्यक्षों को भी तलब किया है और उनसे अनुपस्थित कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है इसके साथ ही, जिलाधिकारी ने कार्यालय परिसर में साफ-सफाई की व्यवस्था को दुरुस्त करने के भी सख्त निर्देश दिए हैं।
निरीक्षण के समय जिला विकास अधिकारी/परियोजना निदेशक हेमन्त कुमार सिंह, उपायुक्त श्रम रोजगार, जिला समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर यादव, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुधांशु शेखर शर्मा, अपर जिला सूचना अधिकारी विनय कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
जांच के दौरान जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय की उपस्थिति पंजिका में पर्यवेक्षक शिवमोहन लाल का आकस्मिक अवकाश दर्ज था, लेकिन उनका प्रार्थना पत्र स्वीकृत नहीं पाया गया। अनुसूचित जाति/जनजाति प्रकोष्ठ में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संतोष कुमार अनुपस्थित थे। जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में वाहन चालक विनोद कुमार और चपरासी प्रभाकर गैरहाजिर मिले।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)/राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान सेल के अनिल केशरी, किरन सिंह और देवेन्द्र शर्मा भी अनुपस्थित पाए गए। लघु सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता कार्यालय में सहायक अभियंता और अवर अभियंता योगेन्द्र कुमार व राजबहादुर भी मौके पर नहीं थे। कनिष्ठ सहायक अजय कुमार सिंह, आशीष राजभर, विकास जैसल और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मुन्ना शाह के नाम के आगे आकस्मिक अवकाश लिखा था, लेकिन उनका कोई अवकाश प्रार्थना पत्र नहीं मिला।
जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी कार्यालय में सहायक सांख्यिकीय अधिकारी डॉ. संजय कुमार सिंह और वरिष्ठ सहायक प्रदीप कुमार दुबे का भी आकस्मिक अवकाश बिना प्रार्थना पत्र के दर्ज था। कौशल विकास मिशन की एमआईएस मैनेजर वंदना सिंह अनुपस्थित थीं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन कार्यालय में एमजी रवि डी.एम.एम., सत्येन्द्र गौतम डी.एम.एम., इम्ताज आलम डी.एम.एम., पुनीत कुमार गुप्ता डी.एम.एम., सहायक लेखाकार संजीव बिन्द, बी.एम.एम. सुनील कुमार सिंह, कंप्यूटर ऑपरेटर
पूजा चन्द्रवंशी और संबद्ध ग्राम विकास अधिकारी (महिला) खुशबू कुमारी गुप्ता गैर हाजिर मिले। मत्स्य विभाग के सहायक निदेशक आर.के. श्रीवास्तव और मत्स्य निरीक्षक सुनील पाल भी कार्यालय में मौजूद नहीं थे। जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी कार्यालय में कनिष्ठ सहायक अरविन्द कुमार यादव और लेखाकार अशोक कुमार गुप्ता का आकस्मिक अवकाश दर्ज था, लेकिन कोई स्वीकृत पत्र नहीं मिला। चाइल्ड हेल्पलाइन यूनिट कार्यालय के काउंसलर अमन कुमार सोनकर, सुपरवाइजर सत्यम चौरसिया, धर्मबीर सिंह, अंशु गिरी और केस वर्कर बजरंग सिंह भी अनुपस्थित पाए गए।
जिलाधिकारी ने इस व्यापक अनुपस्थिति पर कड़ी नाराजगी जताई है और सभी संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कार्यालयों में समयनिष्ठा और अनुशासन हर हाल में बनाए रखा जाना चाहिए।

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