एनटीपीसी रिहंद बिजली उत्पादन में देश में चौथा स्थान, सौर ऊर्जा और राख ईंटों से क्रांति की तैयारी
एनटीपीसी रिहंद सौर ऊर्जा से सस्ती बिजली उपलब्ध कराने की दिशा में अग्रसर
एनटीपीसी रिहंद परियोजना बीजपुर
अजित सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट)
सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश- जिले के बीजपुर क्षेत्र में स्थित एनटीपीसी रिहंद परियोजना ने आज देश में बिजली उत्पादन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मुकाम हासिल करते हुए चौथा स्थान प्राप्त किया है। यह परियोजना वर्तमान में देश के कई राज्यों को बिजली आपूर्ति कर रही है और अब सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी तेजी से कदम बढ़ा रही है। भविष्य में एनटीपीसी रिहंद सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन कर उसे किफायती दरों पर उपलब्ध कराने की दिशा में अग्रसर है। इसके साथ ही, परियोजना से निकलने वाली राख का उपयोग कर ईंटें बनाकर उन्हें सबसे सस्ती दरों पर उपलब्ध कराया जा रहा है।
आज शिवालिक अतिथि गृह में परियोजना प्रबंधन द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन महत्वपूर्ण उपलब्धियों की जानकारी दी गई। इस अवसर पर परियोजना प्रमुख एवं कार्यकारी निदेशक अनिल श्रीवास्तव ने मीडिया प्रतिनिधियों के सवालों के विस्तृत जवाब दिए।
परियोजना प्रमुख अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि रिहंद स्टेशन के अधिकारी और कर्मचारी विपरीत परिस्थितियों में भी चुनौतियों का सामना करने की अद्वितीय क्षमता रखते हैं। उनका यही समर्पण और दृढ़ इच्छाशक्ति रिहंद की कार्य संस्कृति को विशिष्ट बनाती है।
उन्होंने गर्व से बताया कि एनटीपीसी रिहंद ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 89.14% प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) के साथ सभी एनटीपीसी थर्मल स्टेशनों/परियोजनाओं में चौथा स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि स्टेशन की असाधारण परिचालन दक्षता और बिजली उत्पादन में उत्कृष्टता के प्रति उसकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में एनटीपीसी रिहंद का कुल विद्युत उत्पादन 23427 मिलियन यूनिट (MU) रहा, जो पिछले वित्तीय वर्ष के 23399.7 MU से अधिक है।
पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए श्री श्रीवास्तव ने बताया कि एनटीपीसी रिहंद लगभग 1300 करोड़ रुपये की लागत से फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (FGD) इकाइयों का निर्माण कार्य तेजी से कर रहा है। ये इकाइयाँ प्लांट से निकलने वाली सल्फर डाइऑक्साइड (SoX) गैसों को वातावरण में उत्सर्जित होने से रोकेंगी, जिससे वायु प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आएगी। एनटीपीसी रिहंद की यह पहल पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान है।
अपनी परिचालन उपलब्धियों के साथ-साथ, एनटीपीसी-रिहंद अपने कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत भी सक्रिय रूप से योगदान दे रहा है। पिछले पांच वर्षों में 'गर्ल एम्पावरमेंट मिशन' (GEM) कार्यक्रम के माध्यम से 600 बालिकाओं को शिक्षा प्रदान की गई है, जिनमें से 50 बालिकाओं को टाउनशिप के डीएवी स्कूल में मुफ्त शिक्षा दी जा रही है।
इसके अतिरिक्त, एनटीपीसी रिहंद ने सोसाइटी फॉर वॉलंटरी एक्शन एंड रिसर्च (SVAR) के सहयोग से सोनभद्र में 3.08 करोड़ रुपये की लागत से एक नशा मुक्ति एवं स्वास्थ्य सेवा केंद्र की स्थापना की है, जिससे पूरे जिले के लोगों को लाभ मिलेगा।
युवाओं को कौशल विकास और रोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में भी एनटीपीसी रिहंद सक्रिय है। पिछले वर्ष अप्रेंटिसशिप कार्यक्रम के तहत 100 युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिससे उन्हें अपने करियर को आगे बढ़ाने का एक मजबूत मंच मिला। इसके अलावा, पीएम इंटर्नशिप योजना के तहत भी युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, एनटीपीसी रिहंद इस वर्ष 20 मेगावाट क्षमता का एक सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने जा रहा है। इसके अतिरिक्त, आने वाले समय में एनटीपीसी रिहंद 6.8 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र और कूलिंग वाटर (CW) रीसर्कुलेशन एवं डिस्चार्ज कैनाल में कुल 2.88 मेगावाट क्षमता की सरफेस काइनेटिक हाइड्रो टरबाइन स्थापित करने की भी योजना बना रहा है।
एनटीपीसी रिहंद की यह बहुआयामी प्रगति न केवल बिजली उत्पादन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक उत्थान के प्रति भी उसकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। परियोजना का निरंतर विकास सोनभद्र और देश के लिए ऊर्जा सुरक्षा और सामाजिक विकास के नए अवसर प्रदान कर रहा है।
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