भीमनगर को मिला 30 बेड वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का तोहफा
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने किया शिलान्यास
वीरपुर

भारत-नेपाल सीमा पर स्थित भीमनगर में न केवल भारत बल्कि सीमा पार नेपाल के गाँवों से भी बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं। पहले यह पीएचसी भीमनगर में संचालित थी, लेकिन पिछले वर्ष इसे एलएन अनुमंडल अस्पताल, वीरपुर में अटैच कर दिया गया। स्थानीय लोग इस निर्णय से असंतुष्ट थे और पीएचसी को भीमनगर में ही बनाए रखने की मांग कर रहे थे। स्थानीय विधायक और पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार सिंह के प्रयासों से भीमनगर को 30 बेड के सीएचसी की सौगात मिली है। आज इस अस्पताल भवन की आधारशिला रखने स्वयं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भीमनगर पहुँचे और लोगों को इस अस्पताल का तोहफा दिया।

इस अवसर पर जय प्रकाश मैदान में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अतिथियों का स्वागत मिथिला की पारंपरिक पाग, माला, अंगवस्त्र, बुके और हरित वृक्ष देकर किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री पांडेय ने कहा कि नीरज कुमार बबलू से यह सीखा जा सकता है कि कैसे कोई जनप्रतिनिधि क्षेत्र की समस्याओं को हल करने के लिए समर्पित हो सकता है। उन्होंने बताया कि यह अस्पताल 9 महीने में बनकर तैयार हो जाएगा। 78,550 वर्गफुट में बनने वाला यह भवन 4.74 करोड़ की लागत से तैयार होगा।

उन्होंने कहा कि राज्य के अस्पतालों का स्वरूप बदला है। पहले पंखे और बल्ब खराब रहते थे, लेकिन अब मरीजों और डॉक्टरों के बैठने की जगह पर एसी लगाए जा रहे हैं। हमारी कोशिश है कि सरकारी अस्पताल भी प्राइवेट अस्पतालों की तरह साफ-सुथरे और सुविधाजनक हों। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि बिहार अब स्वास्थ्य सूचकांकों में शीर्ष पर आ रहा है। टीकाकरण के मामले में बिहार देश में पहले नंबर पर है और आयुष्मान कार्ड बनाने में तीसरे नंबर पर। अब तक 3.75 करोड़ कार्ड बनाए जा चुके हैं और शेष लोगों के कार्ड एक अभियान चलाकर बनाए जाएंगे। नवजात मृत्यु दर में भी तेजी से सुधार हुआ है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। सुपौल में 600 करोड़ की लागत से मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन है। साथ ही 19 अस्पतालों का निर्माण शुरू हो गया है और 32 की प्रक्रिया जारी है। हर पंचायत में बेहतर अस्पताल की व्यवस्था की जा रही है और 19 हजार स्वास्थ्यकर्मियों की बहाली की प्रक्रिया चल रही है। अगले तीन महीनों में नियुक्तियाँ पूरी हो जाएंगी। देश में 2014 से पहले 370 मेडिकल कॉलेज थे, अब यह संख्या बढ़कर 680 हो गई है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि आज रामनवमी और विश्व स्वास्थ्य दिवस एक साथ है, यह शुभ अवसर है। उन्होंने कहा कि यह अस्पताल न केवल भारत बल्कि नेपाल के लोगों को भी लाभ पहुंचाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि अपने बच्चों को पढ़ा-लिखा कर डॉक्टर बनाएं ताकि राज्य में डॉक्टरों की कमी दूर हो सके। उन्होंने कहा कि उम्मीद है अस्पताल 6 महीने में बनकर तैयार हो जाएगा। छातापुर विधानसभा क्षेत्र में वर्षों से लंबित कार्य अब तेजी से पूरे हो रहे हैं।

डीएम कौशल कुमार ने स्वागत भाषण में कहा कि भवन निर्माण पूरा होते ही सभी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी। फिलहाल यहां ओपीडी और इमरजेंसी सेवा ही दी जा रही है। उन्होंने मंत्री से मांग की कि वीरपुर, त्रिवेणीगंज और निर्मली में बने अनुमंडल अस्पतालों की घेराबंदी कराई जाए तथा पीने के शुद्ध पानी और चिकित्सकों व कर्मियों के ठहरने हेतु क्वार्टर की व्यवस्था की जाए। उन्होंने नर्सों की भारी कमी की ओर भी ध्यान दिलाया।
इस मौके पर पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष गोपाल आचार्य और जिला परिषद सदस्य अर्चना मेहता ने एलएन अनुमंडल अस्पताल में महिला चिकित्सक की नियुक्ति की मांग की। भाजपा जिला अध्यक्ष नरेंद्र ऋषिदेव और नगर परिषद सुपौल के मुख्य पार्षद राधवेंद्र झा ने सरकार के कार्यों की सराहना की।

कार्यक्रम में एसपी शैश्वत यादव, एडीएम राशिद कलीम अंसारी, सिविल सर्जन डॉ. ललन ठाकुर, एसडीएम नीरज कुमार, एसडीपीओ सुरेंद्र कुमार, डीसीएलआर अनंत कुमार, भाजपा जिला अध्यक्ष नरेंद्र ऋषिदेव, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष गोपाल आचार्य, जिला परिषद सदस्य अर्चना मेहता समेत कई लोग मंचासीन थे। धन्यवाद ज्ञापन सिविल सर्जन डॉ. ललन ठाकुर ने किया।

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