न्यायालय का बहुत बड़ा फैसला दोषी बलिराम को 10 वर्ष की कठोर कैद
- कोर्ट ने पीड़िता को अर्थदंड की आधी धनराशि 50 हजार रुपये देने का दिया आदेश
-छह वर्ष पूर्व शादी का झांसा देकर नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म का मामला
राजेश तिवारी ( क्राइम ब्यूरो)
सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश -
अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी/सीएडब्लू , सोनभद्र अर्चना रानी की अदालत ने शुक्रवार को छह वर्ष पूर्व शादी का झांसा देकर नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी बलिराम को 10 वर्ष की कठोर कैद व एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। वहीं कोर्ट ने अर्थदंड की आधी धनराशि 50 हजार रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने 14 फरवरी 2019 को राबर्ट्सगंज थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि उसकी नातिन जिसकी उम्र 14-15 वर्ष है के साथ शादी का झांसा देकर बलिराम पुत्र मन्नीलाल निवासी शोभनाथ मंदिर के पीछे पुसौली, थाना रॉबर्ट्सगंज जिला सोनभद्र शारीरिक सम्बंध बनाता रहा, जब गर्भ ठहर गया तो शादी करने से इंकार कर दिया और दूसरी शादी भी कर लिया। उल्टा ही गर्भपात कराने की धमकी देने लगा है।
आवश्यक कार्रवाई करने की कृपा करें। इस तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने चार्जशीट दाखिल किया था।
मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी को बलिराम को 10 वर्ष की कठोर कैद व एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। वहीं कोर्ट ने अर्थदंड की आधी धनराशि 50 हजार रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया है। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने बहस की।
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