पाकिस्तान की मेजबानी बनी मजाक

पाकिस्तान की मेजबानी बनी मजाक

आज पाकिस्तान की हालत देख के हंसी आ रही है। चैंपियंस ट्राफी का मेजबान बन जो किरकिरी पाकिस्तान ने अपनी करवाई है शायद ही कभी किसी भी खेल में विश्व के अन्य किसी देश की हुई  होगी। पाकिस्तान अपने पहले दोनो मैच न्यूजीलैंड और भारत से बुरी तरह हार चैंपियंस ट्राफी से बाहर हो चुका है। आखिरी मैच बंगलादेश से था जो बारिश की भेंट चढ़ गया। इस तरह पाकिस्तान क्रिकेट जगत का पहला ऐसा देश बन गया है जो अपनी मेजबानी वाले आईसीसी टूर्नामेंट का एक भी मैच नही जीत पाया हो। चलो खेल में हार-जीत तो चलती रहती है परन्तु असली मजे की बात यह है कि पाकिस्तान 29 साल बाद किसी आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा है, भारत ने सुरक्षा कारणों से अपने मैंच पाकिस्तान में खेलने से पहले ही मना कर दिया था।
 
भारत अपने सभी मैंच दुबई में खेल रहा है। भारत ने ही पाकिस्तान को हरा टूर्नामेंट से बाहर किया था। भारत सेमिफाइनल में अपनी जगह पक्की कर चुका है यानि दो सेमिफाइनल में से एक पाकिस्तान के बाहर खेला जाना तय है और अगर भारत सेमि जीत जाता है तो असली मजाक बनेगा पाकिस्तानी मेजबानी का, क्यों कि फिर टूर्नामेंट का फाइनल मैच दूसरे देश में खेला जाएगा और इसके साथ साथ स्टोरी में एक और ट्विस्ट यह होगा कि प्रतियोगिता का पुरस्कार वितरण समारोह भी मेजबान देश पाकिस्तान में नही बल्कि दुबई में होगा।
 
पाकिस्तान ने मजाक का पात्र बनने के मामले में अपनी दक्षता का परिचय उस समय भी दिया जब आस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड मैंच में मुकाबला खेल रहे दोनो देशों के राष्ट्रगान की बजाए भारत का राष्ट्रगान चला दिया था। भारत अपने खिलाड़ियों की सुरक्षा के मद्देनजर अपने मैच पाकिस्तान में नही खेल रहा और इस दौरान भारत की सुरक्षा को लेकर आशंका तब सच साबित हुई जब शुक्रवार को पाकिस्तान से एक भयंकर बम विस्फोट की खबर आई। पाकिस्तान में चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन हो रहा है। इसी बीच शुक्रवार को हुए भीषण बम धमाके ने देश को दहलाकर रख दिया है।
 
उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत स्थित एक मदरसे में विस्फोट होने से पांच से ज्यादा लोगों की मौत हो गई जबकि 20 अन्य घायल हो गए। इस धमाके ने सभी देशों के क्रिकेट खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर नई चिंता खड़ी कर दी है। पाकिस्तान में हुए इस धमाके के बाद अब यह सवाल उठ रहे हैं कि जो खिलाड़ी इस समय पाकिस्तान में चैंपियंस ट्रॉफी के मैच खेलने आए हैं, उनकी सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जा रही है। इससे पहले भी पाकिस्तान में खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ चुके थे और अब इस धमाके ने खतरे को और बढ़ा दिया है।
 
पाकिस्तान की पुलिस को इस पर विशेष ध्यान देना होगा ताकि भविष्य में किसी होटल या ऐसे स्थानों पर बम विस्फोट जैसी कोई घटना ना हो जाए। पाकिस्तान के विभिन्न होटलों में कई देशों के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और मैच देखने आए विदेशी दर्शक ठहरे हुए हैं। उनकी  सुरक्षा सुनिश्चित करना अब पाकिस्तान की प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि अतिथि बिना किसी नुकसान के टूर्नामेंट पूरा होने के बाद सुरक्षित अपने-अपने देश वापिस लौट सकें। बताया जा रहा है कि दारुल उलूम हक्कानिया नामक मदरसे में यह विस्फोट हुआ है, जिसमें जमीयत उलेमा इस्लाम (सामी समूह) के प्रमुख और नौशेरा जिले के अकोरा खट्टक स्थित मदरसा-ए-हक्कानिया की देखरेख करने वाले हमीदुल हक हक्कानी सहित पांच लोगों की मौत हो गई है।
 
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी पाकिस्तान खुफिया ब्यूरो (पीआईबी) ने एक अलर्ट जारी किया है। इसके मुताबिक इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) आतंकी गुट ने कथित तौर पर पाकिस्तान में मैच देखने आए विदेशियों को निशाना बनाने का प्लान बनाया है। पीआईबी को आशंका है कि आतंकी गुट फिरौती के लिए विदेशियों के अपहरण की साजिश रच सकते है। पाकिस्तान की सुरक्षा में सेंद लगा विदेशी खिलाड़ियों पर हमले की आशंका बेमाने नही है। 2009 में पाकिस्तान के दौरे पर द्विपक्षीय सीरीज खेलने गई श्रीलंका क्रिकेट टीम के साथ ऐसा हो चुका है।
 
बताते चलें कि 3 मार्च 2009, सोमवार की सुबह श्रीलंकाई टीम बस में सवार हो लाहौर के एक होटल से गद्दाफी स्टेडियम के लिए निकली थी। जहां दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन का खेल शुरू होना था। टीम बस अपनी रफ्तार से चल रही थी कि इसी बीच पाकिस्तान के समयानुसार करीब साढ़े 8 बजे देखते ही देखते श्रीलंकाई टीम की बस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसने लगीं। मैच खेलने के लिए निकली श्रीलंकाई टीम के खिलाड़ियों ने सोचा नहीं होगा कि उनके साथ ऐसा हो सकता है। करीब 12 आतंकवादियों ने श्रीलंकाई टीम को खत्म करने के इरादे से बस पर गोलियों की बौछार की थी।
 
हमलावरों ने श्रीलंकाई टीम बस पर रॉकेट लॉन्चर से भी हमला किया था परन्तु निशाना चूक गया। अगर निशाना सटीक होता तो खिलाड़ियों का बचना नामुमकिन था। आईसीसी चैंपियंस ट्राफी का पहला संस्करण 1998 में बांग्लादेश में खेला गया था। पहली चैंपियंस ट्रॉफी की विजेता साउथ अफ्रीका बनी थी। 2000 के टूर्नामेंट की मेजबानी केन्या ने की, इस टूर्नामेंट की विजेता न्यूजीलैंड रही थी। पहले दो संस्करण की खास बात यह रही कि टूर्नामेंट की विजेता वो टीमें बनी जो उस समय तक कभी भी आईसीसी वर्ल्डकप कप फाइनल तक नही पहुंची थी। 2002 में श्रीलंका में खेले गए तीसरे एडिशन में भारत श्रीलंका के साथ संयुक्त विजेता रहा था। 2004 में मेजबानी इंग्लैंड ने की और फाइनल मुकाबले में उसे वेस्टइंडीज ने हराया था।
 
2006 के संस्करण की मेजबान भारत थी और विजेता श्रीलंका बनी। 2009 में टूर्नामेंट साउथ अफ्रीका में खेला गया था कप की विजेता ऑस्ट्रेलिया की टीम रही थी। 2013 का मेजबान इंग्लैंड रहा जिसे फाइनल में भारत ने हरा चैंपियनशिप पर कब्जा किया। 2017 का होस्ट एक बार फिर इंग्लैंड रहा। इस टूर्नामेंट का खिताबी मुकाबला भारत और पाकिस्तान की टीमों के बीच खेला गया। इस मुकाबले में पाकिस्तान ने भारत को हरा खिताब पर कब्जा जमाया था। 

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