भूख हड़ताल पर बैठे अनशनकारियो ने अर्धनग्न होकर विरोध किया

भूख हड़ताल पर बैठे अनशनकारियो ने अर्धनग्न होकर विरोध किया

मीरजापुर। रविवार को भूख हड़ताल के सातवे दिन भी अनशनरत् लोगो से शासन-प्रशासन से वार्ता करने कोई भी अधिकारी नही पहुँचा।बताते चले कि जनप्रतिनिधियो की तरफ से चाहे नगर विधायक हो या जिले की सासंद महोदया,किसी भी ने अभी तक अनशन स्थल पर नही पहुँचे है। अनशन का नेतृत्व कर रहे हरिश्चंद्र केवट बताते हैं कि, जिस तरह से शासन प्रशासन की कार्यप्रणाली है और पिछले 7 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे लोगों की सुधि नहीं ले रहे हैं उसे साफ जाहिर है कि मिर्जापुर का शासन प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि लोगों की मौत से ही जागेंगे।
 
भूख हड़ताल को समर्थन देने भदोही से चलकर आए अपना दल के जिला अध्यक्ष श्री जितेंद्र पटेल ने समर्थन पद देने के साथ लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की सबसे बड़ी नाकामी ठेका प्रथा है आज हर तरफ लोगों की अजीविका  और रोजी-रोजगार को छीनने का काम किया जा रहा है। जहां प्रधानमंत्री बड़े-बड़े व्यापारियों को इकोनामिक क्लास में शामिल करने की बात कर रहे हैं वही मिर्जापुर में जो शमशान घाट का ठेका हुआ है उससे साफ जाहिर है कि अब सरकार ने गरीबों को भी इकोनामिक क्लास में शामिल कर लिया है।
 
जनमुक्ति परिषद से समर्थन देने पहुंचे सौरभ ने कहा कि यह ठेका पूरी तरह से समाप्त होना चाहिए,जिस धैकार समाज का पुराना काम है और जो बहुत पहले से चला आ रहा था वह चलता रहे, यह जो ठेका देकर इस समाज के काम को छीनने का प्रयास किया गया है, यह सरकार और पूंजीपतियो का गठजोर है, इसे पूरी तरह से निरस्त किया जाये।
 

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