ग्राम पिपरी अजीज में आवास मे अवैध वसूली के ग्रामीणों ने लगाए आरोप।
ग्राम प्रधान एवं पंचायत सचिव पर ग्रामीणों ने लगाए विकलांगों को आवास देने के नाम पर प्रति आवास ₹11000 की अवैध वसूली करने के आरोप।
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आइजीआरएस पोर्टल पर की गई शिकायत में भ्रामक एवं फर्जी आख्या लगाकर कर दी गई मामले की लीपापोती।
लखीमपुर खीरी
एक और प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ जहां भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने एवं उसके समूल सफाये को लेकर जीरो टारलेस की नीति जारी कर रहे हैं। वहीं उनके ही मातहत ग्राम पंचायत अधिकारी अपनी ही सरकार के आदेशों और प्रयासों का गला घोंटते हुए ग्राम प्रधान से मिली भगत कर जमकर अवैध वसूली और भ्रष्टाचार की घटना को अंजाम देते सुने जा रहे हैं। ऐसे में शासन के आदेशों और साख को बट्टा लगा लाजमी है।
मामला विकासखंड पसगवां की ग्राम पंचायत पिपरी अजीज का है जहां पर ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव पर विकलांग जनों को आवास आवंटन में प्रति आवास 11000 रुपए की अवैध वसूली किए जाने का मामला प्रकाश में आया है ।उक्त मामले की मुख्यमंत्री पोर्टल पर एक शिकायतकर्ता नीरज बाजपेई पुत्र शालिग्राम बाजपेई निवासी पिपरी अजीज द्वारा की गई थी। जिसमें आरोपी को ही जांच अधिकारी बना चोर की जांच डकैत से कराए जाने की तर्ज पर काम किया गया। जिसका फायदा उठाते हुए शिकायत में आरोपित ग्राम पंचायत अधिकारी ने फर्जी एवं भ्रामक आख्या लगाकर निस्तारण करके अपने आला अधिकारियों सहित शासन प्रशासन को भी गुमराह कर दिया ।ऐसा शिकायतकर्ता का आरोप है ।
बताते चलें कि ग्राम पंचायत पिंपरी अजीज में विकलांगों को आवास आवंटित किया जाना था ।उक्त के क्रम में ग्राम प्रधान द्वारा आवास देने के नाम पर ग्राम के विकलांगों से प्रति आवास ₹11000 वसूले जाने के आरोप लगाए गए हैं। शिकायतकर्ता नीरज बाजपेई द्वारा खंड विकास अधिकारी सहित जिला स्तरीय एवं मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई शिकायत जिसकी संदर्भ संख्या 400 1532 3035 679 व 415 3210 14386 है ।
उक्त शिकायत में ग्राम प्रधान पर प्रति आवास अवैध वसूली किए जाने के गंभीर आरोपित आरोप लगाते हुए शिकायतकर्ता ने जांच कर कार्रवाई किए जाने की मांग की थी। शिकायत कर्ता एवं प्राप्त आवास प्राप्त लाभार्थी द्वारा वीडियो में कहे गए कथन पर गौर किया जाए तो छोटक्के शुक्ला आवास लाभार्थी के पति द्वारा बताया गया की सबसे पहले पांच पसेरी सरसों बेचकर और ₹500 उधार लेकर प्रधान को दिए ।फिर पहली किस्त पर ₹10000 प्रधान ने ले लिया। क्योंकि मेरी 8 फुट की दीवारें पहले से बनी थी मुझे आवास नहीं मिलना था लेकिन प्रधान ने पैसे के लालच में₹11000 लेकर आवास दे दिया ।वहीं दूसरे लाभार्थी पुत्तू पुत्र दुजई की पत्नी का आवास आया था पुत्तू ने बताया कि ₹1000 प्रधान ने पहले लिए पहली किस्त आने पर ₹10000 लिए गए ।
यह बात पुत्तू द्वारा ऑन कैमरा कही गई उक्त वीडियो के समय अन्य आवास लाभार्थी चंपा व जगदीश पुत्र बद्री भी मौजूद रहे । सभी लाभार्थियों का आरोप है कि आवास के नाम पर अवैध वसूली की गई है ।और आपस में बंदरबाट कर लिए जाने की जान चर्चाओं का बाजार काफी गर्म है ।शिकायतकर्ता द्वारा मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष गहनता से जांच कर कर दोषी ग्राम प्रधान के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने की मांग की है ।अब देखना यह है कि परियोजना निदेशक द्वारा उक्त मामले की जांच कर कार्यवाही की जाती है या फिर यूं ही मामले को रफा-दफा कर दिया जाएगा।
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