बालाघाट में देवकरण महेश के घर ब्रह्म कमल
एक अद्भुत फूल, साल में एक ही बार खिलता है
स्वतंत्र प्रभात, जिला ब्यूरो। हेमेंद्र क्षीरसागर। मध्यप्रदेश।
नगर के वार्ड नबर 10 में देवकरण महेश के घर धार्मिक भावनाओं से ओतप्रोत सावन के पवित्र माह में हरियाली अमावस्या के अवसर पर 17 जुलाई को रात्रि में ब्रह्म कमल का फूल खिला। जिसके दर्शन के लिए नगरवासियों का देवकरण महेश के आवास पर तांता लग गया। निश्चित है महेश परिवार की पुण्य कार्यों का प्रतिफल है कि उनके निज निवास में ब्रह्म कमल खिला।
परिवार के मुखिया देवकरण महेश ने बताया कि, ब्रह्म कमल का फूल हिंदू धर्म में आध्यात्मिक महत्व है। ऐसा माना जाता है कि फूल में इच्छाओं को पूरा करने की शक्ति होती है और जो इसे देवता को चढ़ाते हैं उन्हें उनका आशीर्वाद मिलता हैं। इसे पवित्रता, ज्ञान व आध्यात्मिक प्राप्ति का प्रतीक भी माना जाता है।
मान्यता के मुताबिक ब्रह्म कमल का नामकरण ब्रह्मदेव के नाम पर किया गया है। उन्होंने कहा, ब्रह्म कमल का फूल एक अद्भुत फूल है। यह फूल साल में एक ही बार खिलते हैं। यह फूल अगस्त या सितंबर महीने में खिलते हैं। इस फूल को खिलने में करीब दो घंटे का समय लगता है।

फूल का धार्मिक महत्व
इस फूल को सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस फूल धार्मिक महत्व भी है। मान्यताओं के मुताबकि ब्रह्म कमल मां नंदा का प्रिय पुष्प है। इसलिए इसे नंदा अष्टमी में तोड़ा जाता है। ब्रह्मकमल का अर्थ ही है 'ब्रह्मा का कमल'. कहते हैं कि केवल भग्यशाली लोग ही इस फूल को खिलते हुए देख पाते हैं और जो ऐसा देख लेता है, उसे सुख और संपत्ति की प्राप्ति होती है।
फूल का औषधीय उपयोग
ब्रह्म कमल फूल के कई औषधीय उपयोग भी होते हैं। इसका उपयोग जले-कटे में, सर्दी-जुकाम, हड्डी के दर्द आदि में इसका प्रयोग किया जाता है। इससे निकलने वाले पानी को पीने से थकान दूर हो जाता है।

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