कंपनी को वापस कराई जा रही 14 प्रतिबंधित दवाएं

स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो उन्नाव।

युवाओं में नशे की आदत को देखते हुए और सर दर्द, बदन दर्द आदि कामों में इस्तेमाल होने वाली खतरनाक दवाइयों की जांच कराने के बाद भारत सरकार ने चलन में चल रही

14 दवाइयों को प्रतिबंधित कर दिया है। भारत सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बाद औषधि प्रशासन ने व्यापारियों के स्टाक की जांच शुरू कर दी है। औषधि निरीक्षक अजय कुमार संतोषी ने बताया

कि भारत सरकार द्वारा जिन 14 दवाइयों को प्रतिबंधित किया गया है। उनके संबंध में जनपद के सभी दवा ऐसोसिएशन को पत्र लिखकर यह सूचित कर दिया गया है,

की प्रतिबंधित दवाइयों की बिक्री तत्काल प्रभाव से रोक दी जाए और मौजूदा समय में जो स्टॉक उनके पास मौजूद है। उसकी डिटेल विभाग को तत्काल मुहैया कराई जाए। प्रतिबंधित दवाएं तत्काल कंपनियों को वापस भेजी जाए।

औषधि निरीक्षक ने जिले भर के होलसेल और रिटेल दवा दुकानदारों से प्रतिबंधित दवाओं का स्टॉक यथाशीघ्र उपलब्ध कराने को कहा है। औषधि निरीक्षक ने बताया कि सभी ऐसोसिएशन के माध्यम से दवा दुकानदारों को सूचित कर दिया गया है

कि तत्काल अपने-अपने दुकानों में उपस्थित प्रतिबंधित दवाओं की स्टाक सूची विभाग को उपलब्ध कराएं। जिसके बाद जिले भर में कुल कितना स्टाक मौजूद है। इसका आकलन भी हो जाएगा और दवा विक्रेताओं से कहा गया है

कि जल्द से जल्द मौजूद स्टाक को कंपनी वापस कर दिया जाए। यदि प्रतिबंध के बाद भी दवा दुकानदारों द्वारा प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री करते हुए निरीक्षण के दौरान पाया गया तो उनके खिलाफ ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत विभागीय कार्यवाही की जायेगी।

तत्काल शुरू होगा निरीक्षण

औषधि निरीक्षक अजय कुमार संतोषी ने बताया कि प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री और स्टाक की मौजूदगी दवा दुकानों के साथ-साथ  सरकारी अस्पतालों में कितनी है और इनकी वापसी के संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है इसको लेकर तत्काल निरीक्षण शुरू किया जाएगा।


सरकार का यह कदम सराहनीय है, युवा पीढ़ी हो रही थी बर्बाद

उन्नाव दवा विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष मयंक बाजपेई का कहना है कि सरकार ने जिन 14 प्रकार की दवाइयों को प्रतिबंधित किया है। सरकार का यह सराहनीय कदम है। क्योंकि इनमें अधिकतर दवाइयों का प्रयोग करने से युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही थी।

कोडीन वाले सिरप पहले से ही जिले में बंद हो गए थे। सभी दवा व्यापारी सरकार के साथ हैं। उन्होंने मेडिकल स्टोर संचालकों से अपील की है,

कि प्रतिबंधित दवाओं की अति शीघ्र कंपनियों को वापस करें और अपने पास पत्रावली सुरक्षित रखें। औषधि नियमों का पूर्ण पालन करते हुए सभी अपना व्यापार करें।

About The Author: Swatantra Prabhat Reporters