बर्षों से अंधता का दुखः भोग रहे प्रवेश की दुनिया होगी रौशन
समाजसेवी के आर्थिक सहयोग से हरियाणा के अस्पताल में होगा आई ट्रांसप्लांट
माधोगढ़ (जालौन)
हर इंसान चाहता है कि जीवन मे ऐसा कुछ करे कि मरने के बाद भी लोग उसे याद करे। लेकिन इसके लिए कुछ असाधारण काम करने होते है। जिंदगी यह मौका हर किसी को नहीं देती। लेकिन अंतिम समय में इंसान के मन में यह बात जरूर आती है कि काश, मैं भी कुछ असाधारण काम, कुछ अच्छे काम कर पाता ताकि मेरा अगला जन्म सुधर जाता। ऐसा ही पुण्य का कार्य एक समाजसेवी ने किया!रामपुरा ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम मई निवासी प्रवेश कुमार पुत्र हरि उम्र लगभग 26 बर्ष है जिनकी 11बर्ष की आयु में ही आँखों की रौशनी अचानक चली गई थी
जिससे काफ़ी समय से वह दृष्टिहीनता (अन्धता) का दुखः भोग रहे थे जिससे काफ़ी हताश भी हो गए थे प्रवेश कुमार ,बहुत गरीब परिवार से संबंध रखते हैं,उनके माता पिता भी बुजुर्ग है परिवार के भरण पोषण की जिम्मेदारी प्रवेश कुमार के ऊपर ही है प्रवेश घर के सामने एक चारपाई पर रास्ते में एक साधारण दुकान रखे है जिसकी आमदनी से उतना ही कमा पाता है कि,दो समय का भोजन का गुजारा हो जाये ।प्रवेश कुमार अँधेरे को अपना नसीब मानकर बैठ गए थे उसको पता था,न तो उसके पास ऑपेरशन के लिये पैसे है,और न उसको किसी से कोई उम्मीद थी।
किसी ने ग्रामीण ने इसकी जानकारी समाजसेवी दीपक राजाबत को दी तो उन्होंने परिवार से संपर्क किया,पैसों के अभाव के कारण उनका आँखों का ऑपरेशन काफी समय से नहीं हो पा रहा था, जिसमें समाजसेवी दीपक राजावत ने प्रवेश कुमार को आर्थिक सहयोग करके जिंदगी में आशा की किरण जगाई इस आर्थिक सहयोग से प्रबेश कुमार का हरियाणा के अस्पताल में आई ट्रांसप्लांट होगा जिससे अब बो अच्छे से जिंदगी का निर्वाहन कर सकेंगे!
समाजसेवी दीपक राजावत का कहना है कि,यदि सामर्थ्यवान लोग इसी तरह गरीवो का सहयोग करते रहें,तो किसी भी निर्वल व्यक्ति को अपनी जिंदगी बोझ नहीं लगेगी!

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