सही पोषण से टल सकता है स्ट्रोक का खतरा-डॉ हर्षिता गुप्ता (पोषण विशेषज्ञ)

सही पोषण से टल सकता है स्ट्रोक का खतरा-डॉ हर्षिता गुप्ता (पोषण विशेषज्ञ)

स्वतंत्र प्रभात

स्ट्रोक एक ऐसी आपातकालीन स्थिति है जिसमें मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त की आपूर्ति बाधित या कम हो जाती है, जिससे मस्तिष्क के ऊतकों को ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं और मस्तिष्क की कोशिकाएं कुछ क्षणों में ख़त्म होने लगती हैं। ऐसी स्थिति में मरीज़ को तुरंत उपचार मिलना चाहिए जिससे मस्तिष्क में होने वाली क्षति व अन्य जटिल समस्याओं को कम किया जा सके। चेहरे के एक तरफ या एक हाथ या पैर में अचानक कमजोरी या सुन्नता का आ जाना, बोलने में परेशानी, चलने में कठिनाई स्ट्रोक के सामान्य लक्षणों में है।

स्ट्रोक की स्थिति को रोकने व नियंत्रित करने के लिए स्वस्थ आहार पैटर्न और स्वस्थ जीवन शैली की महत्वपूर्ण भूमिका है। उचित मात्रा में सोया खाद्य पदार्थ और अन्य फलियां, नट, असंतृप्त वसा, और कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ जैसे वसा रहित डेयरी उत्पाद, उच्च फाइबर जैसे फल और हरी-पत्तेदार, लाल व नारंगी सब्जियां व अंडे की सफेदी, मछली, आदि का प्रयोग करना चाहिए।

शाकाहारी आहार पैटर्न द्वारा उच्च रक्तचाप, अनियामित दिल की धड़कन, मोटापे, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, मधुमेह, एथेरोस्क्लेरोसिस और सूजन की समस्या को कम करके स्ट्रोक के खतरों को कम किया जा सकता है। साथ ही साथ शाकाहारी आहार लेने से एंडोथेलियल फ़ंक्शन में भी सुधार होता है। प्रोसेस्ड  खाद्य पदार्थों का सेवन और लाल और प्रोसेस्ड  मीट के प्रयोग को सीमित करके स्ट्रोक की घटना को टाला जा सकता है।

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कैरोटीनॉयड जैसे- लाइकोपीन, युक्त खाद्य पदार्थ आहार में फाइबर, विटामिन सी, विटामिन ई, फोलेट और फ्लेवोनोइड स्ट्रोक के खतरे को कम करने में सहायक हैं। शाकाहारी आहार पर निर्भर रहने वालों को, विटामिन बी-12 के सप्लीमेंट भी दिया जाना चाहिए। 

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अधिक मात्रा में सोडियम का सेवन स्ट्रोक के खतरे को 25% तक बढ़ा देता है। लगभग  इसके विपरीत, पोटेशियम का सेवन बढ़ाने से रक्तचाप व हृदय रोग को कम करके स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है। शराब का अधिक सेवन, स्ट्रोक के कारण बोलने, सोचने, देखने और शारीरिक संतुलन पर बुरा प्रभाव डालता है और स्ट्रोक की स्थिति को और भी अधिक ख़राब कर देता है।

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एक स्वस्थ जीवन शैली जैसे पौष्टिक भोजन, उचित वजन, धूम्रपान व शराब का प्रयोग न करके स्ट्रोक के बारे में जागरूकता बढ़ाकर व इसके उपचार में गुणवत्ता ला कर स्वस्थ्य रहा जा सकता है।

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