रायबरेली। सतांव गुरुबक्श गंज थाना क्षेत्र!वन विभाग व पुलिस की लापरवाही के चलते क्षेत्र में धड़ल्ले से हरे पेड़ों की कटाई की जा रही है। इसके बाद भी विभाग वन माफियाओं पर शिकंजा नहीं कस पा रहा है। प्रशासन भी वनमाफियाओं से लेनदेन कर इस तरफ अनदेखी कर रहा है। जबकि हर वर्ष सरकार व प्रशासन हरियाली को बढ़ावा देने के लिए पौधरोपण अभियान चलाता है! इस पर सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं।
विभिन्न संस्थाएं भी लगातार जागरूक करते हुए पौधरोपण कर रही हैं,जिससे हमारा क्षेत्र व देश हरा भरा रहे और प्रकृति संरक्षण का सपना साकार हो सके। जबकि उसकी सुरक्षा को लेकर संबंधित विभाग ही खाऊ कमाऊ नीति के चलते लापरवाही बरत रहे हैं!एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है जहां गुरुबक्श गंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत बीरवल गांव में वनमाफियाओं द्वारा कीमती शीशम के पेड़ों को काटकर जमींदोज कर दिया गया और इस बाबत जिम्मेदार धृतराष्ट्र बने रहे।
गुरुबक्श गंज थाना से लगभग 6 कि0मी0 की दूरी पर वनमाफिया तांड़व कर रहे थे और इस दौरान गुरुबक्श गंज पुलिस अंजान बनी रही। वहीं बुद्धिजीवियों की मानें तो वनमाफियाओं से ठीकठाक मोटी रकम लेकर ही गुरुबक्श गंज पुलिस ने मूक सहमति दे रखी थी। यदि ऐसे नहीं होता तो इलेक्ट्रिक आरा की आवाज सुनाई देने के बावजूद भी अवैध कटान को क्यों नहीं रोका गया।
वहीं मीडिया द्वारा मामला प्रकाश में लाने के बाद ही वन बिभाग हरकत में क्यों आई,यह बड़ा सवाल है, जो कि गुरुबक्श गंज पुलिस की ईमानदारी पर बट्टा लगा रही है। अब देखना अहम होगा कि इस बार भी मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा या फिर वनमाफिया के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया जाएगा,यह तो आने वाला समय ही तय करेगा ।
इधर जुर्माना अदा उधर कटान शुरु
गुरुबक्श गंज क्षेत्र में वन विभाग व पुलिस की मिलीभगत से हरियाली पर आरा चलाया जा रहा है। जब कोई शिकायत करता है तो वन विभाग द्वारा लकड़कट्टों के ऊपर मुकदमा लिखाने के बजाय जुर्माना कर मामले को रफा दफा कर दिया जा जाता है!लकड़़कट्टे जुर्माना जमा कर फिर दूसरा पेड़़ काटना शुरू कर देतें है। सूत्रों की मानें तो थाना क्षेत्र में वन रक्षक सरकारी शीशम के पेड़ों को भी ठेकेदारों से मिलकर बेंच लेते हैं।
परमिट एक-दो पेड़ का, कट जाती है बाग
थाना क्षेत्र में जगह-जगह पर हरे पेड़ो की खुलेआम कटान हो रही है!हरियाली के दुश्मन वन विभाग से एक पेड़ का परमिट बनवाकर पूरी-पूरी बाग काट डालते हैं!इस समय क्षेत्र के स्थानों पर पेड़ों की कटान चल रही है!खुलेआम हरियाली को उजाड़ा जा रहा है!सबसे खास बात यह है कि मीडिया द्वारा जिम्मेदारोंं को सूचना देने के बावजूद थाने में अवैध पेड़़ कटान का मुकदमा नहीं लिखा जाता!कभी कभार फाइल मेंटेन करने हेतु महज औपचारिकता के लिए एक-दो मुकदमे लिख दिए जाते हैं! जबकि हरे पेड़ों की लकड़ियों से लदे ट्रैक्टर पूरे दिन सड़क पर दिखाई देते हैं।