भारत की दरियादिली से दुनिया हैरान, भारत ने पाक को भेजा न्योता

भारत की दरियादिली से दुनिया हैरान, भारत ने पाक को भेजा न्योता

स्वतंत्र प्रभात।

कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज  शरीफ द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र  मोदी से बातचीत की अपील पर भारत ने दरियादिली दिखाई है। पाकिस्तान की तरफ से रिश्ते सुधारने की लगातार अपील के बीच बुधवार को भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान को भी शामिल होने के लिए निमंत्रण दिया है। SCO की यह बैठक 4-5 मई को गोवा में होगी।

भारत की दरियादिली से दुनिया हैरान

भारत की इस दरियादिली को देखकर दुनिया हैरान है।  दिलचस्प बात  यह है कि अगर पाकिस्तान न्योता स्वीकार करता है तो यह लगभग 12 वर्षों में इस तरह की पहली यात्रा होगी। हिना रब्बानी खार जुलाई 2011 में भारत आने वाली अंतिम पाकिस्तानी विदेश मंत्री थीं।विदेश मंत्री एस जयशंकर की ओर से इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के माध्यम से पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को SCO की बैठक के लिए भारत आने का निमंत्रण भेजा गया है। हालांकि, अभी पाकिस्तान की तरफ से ये पुष्टि नहीं की गई है कि विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो इस बैठक में हिस्सा लेंगे या नहीं। पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक SCO में चीन और रूस मौजूद हैं और इस फोरम की अहमियत को देखते हुए पाकिस्तान के इस बैठक से दूरी बनाने की संभावना कम है।

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शहबाज शरीफ ने क्या की अपील

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बीते दिनों कहा था कि उनके देश ने "तीन युद्धों से अपना सबक सीखा है" और "भारत के साथ शांति से रहना चाहता है।" इसके कुछ दिनों बाद ही भारत ने  इस्लामाबाद को निमंत्रण भेजा है।  SCO में भारत और पाकिस्तान के अलावा चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। इसी तरह का निमंत्रण मध्य एशियाई देशों के साथ चीन और रूस के विदेश मंत्रियों को भी भेजा गया है। हालांकि, द्विपक्षीय संबंधों में अब तक के सबसे निचले स्तर को देखते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री को भारत का निमंत्रण विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। बता दें कि पिछले आठ वर्षों में भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध खराब हुए हैं। अगस्त 2015 में भारत ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री सरताज अजीज को निमंत्रण दिया था, लेकिन तत्कालीन विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज ने अजीज को भारत में हुर्रियत से मिलने से परहेज करने के लिए कहा था, जिसके बाद यात्रा रद्द कर दी गई।

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भारत ने क्यों दिया  पाकिस्तान को न्योता?

एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार अपनी 'नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी' को ध्यान में रखते हुए भारत पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है। भारत की सतत स्थिति यह है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी मुद्दा हो तो उसे आतंकवाद और हिंसा से मुक्त वातावरण में द्विपक्षीय और शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए और ऐसा अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है। अधिकारी ने आगे कहा, यह स्पष्ट कर दिया गया है कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर समझौता नहीं करेगा और भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करने के सभी प्रयासों से निपटने के लिए दृढ़ और निर्णायक कदम उठाएगा।

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