पडरौना : नेताजी सुभाषचंद्र बोस जी की 127वीं जयंती पर किया गया याद

युवा भारत, भारत स्वाभिमान न्यास,पतंजलि योग समिति,महिला पतंजलि योग समिति, किसान पंचायत द्वारा किया गया याद

पडरौना : नेताजी सुभाषचंद्र बोस जी की 127वीं जयंती पर किया गया याद

पडरौना सुभाष चौक स्थित नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी की प्रतिमा पर धूमधाम से किया गया माल्यार्पण

ऑनलाइन न्यूज चैनल स्वतंत्र प्रभात 

पडरौना, कुशीनगर। युवा भारत, भारत स्वाभिमान न्यास,पतंजलि योग समिति,महिला पतंजलि योग समिति, किसान पंचायत द्वारा सुबह 9 बजे सुभाष चौक स्थित नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी की 127 वीं जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए उन्हें याद किया गया। इस दौरान भारत की आजादी में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला गया और बताया गया कि आजादी मांगने से नहीं छिनने से मिलती है...तुम हमें खून दो हम तुम्हे आजादी दूंगा। यह नारे उनके नारो में प्रमुख थे। वह हमेशा कहते थे की केवल बातों से कभी इतिहास में कोई परिवर्तन हासिल नहीं हुआ,यहां हमारा भी कर्तव्य है की हम अपनी आजादी को अशुष्ण बनाए रखेंगे, आजादी हम जिस बलिदान और परिश्रम से पाए हैं उसे हमे कभी भूलना नहीं चाहिए।

आज 23 जनवरी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के अवतरण दिवस पर सुभाष चौक पर नेता जी की प्रतिमा पर माल्यापर्ण के उपरांत सुभाष सिंह प्रभारी भारत स्वाभिमान ने नेता जी की भावना को स्मरण किया। पप्पू पाण्डेय जन नेता ने अपने संबोधन में सुभाष जी को याद करते हुए उनके शब्दों को व्यक्त किया की हमारे पास आज एक इच्छा होनी चाहिए.. मरने मारने की इच्छा, ताकि भारत जी के शहीद होने की इच्छा शक्ति जागृत हो ताकि स्वतंत्रता के मार्ग को शहीद के खून से पक्का किया जा सके।

पतंजलि युवा प्रभारी अमरदीप ने जय हिंद के गगन भेदी नारे के सुभाष जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सुभाष जी का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक मे हुआ था,वह अपनी माँ प्रभावती की 14 संतानों में 9 वीं संतान थे,अपने पढाई के दौरान ही अपने अंग्रेज प्रोफेसर ओपेन की पिटाई कर दी थी। जिसके चलते नेता जी स्कूल से निकाल दिये गये थे। अपने संबोधन में शत्रुधन शाही ने बताया कि अद्भुत प्रतिभा के धनी सुभाष जी की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए कहा कि नेता जी ने आजाद हिंद फौज के सेनापति के रूप में स्वतंत्र भारत की वैकल्पिक सरकार का गठन पहले ही कर दिया था,जिसका नाम रखा था "आरजी हुकूमत-ए-आजाद हिंद" सच तो यह है कि सुभाष जी ने भारत को 21 अक्टूबर 1943 को ही आजद घोषित कर दिया था,सुभाष जी के डर से अंग्रेज थर थर कापते थे।सभा को महिला पतंजलि प्रभारी उषा सिंह ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में शंभूनाथ तिवारी, शत्रुधन शाही, शशिकला,नीतीश राय, राकेश कुमार, मनीष कुमार आकाश सिंह, अमित कुमार, शुभम अग्रवाल, मसरूर अहमद, सौरभ सिंह, अहमद मसरूर,राकेश पांडे, पप्पू पांडे, जितेंद्र कुमार, रंजन, अरुण तिवारी, दारा चौहान, कैलाश ,कन्हैया मोदनवाल राहुल प्रसाद, संजय मोदनवाल के साथ साथ भूतपूर्व सैनिक भी उपस्थित रहे।

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