रोस्टर हुआ बेमतलब, सचिवालय पर नहीं मिले सचिव एवं पंचायत सहायक
सचिव द्वारा किये जा रहे मनमानी पर ब्लाक व जिला प्रशासन सुस्त, लापरवाही जैसे कृत्य को दबाने मे लगे जिम्मेदार
महराजगंज। (मनोज पाण्डेय) शासन के निर्देश पर नौतनवां बीडीओ द्वारा एक नवंबर को प्रभावी ढंग से एक नया रोस्टर जारी किया है, जिसमें सभी सचिवों के लिए ग्राम पंचायत के सचिवालय पर उपस्थित रहने का दिन व समय भी निर्धारित किया गया है। बीडीओ द्वारा जारी रोस्टर के मुताबिक ग्राम पंचायत खैराटी के सचिव को सोमवार को सुबह 11 बजे से 1 बजे तक उक्त पंचायत भवन पर ग्रामीणों के समस्याओं के समाधान के लिए उपस्थित होना था। लेकिन करीब 12 बजे देखा गया कि सचिव तथा पंचायत सहायक दोनों गांव के पंचायत भवन पर मौजूद नहीं थे और पंचायत भवन पर ताला लगा हुआ था।
वहीं उन्हीं सचिव को ग्राम पंचायत सिंघोरवां के विकास कार्यों की जिम्मेदारी भी सौपी गई है। रोस्टर के अनुसार सोमवार को 2 बजे से शाम 5 बजे तक उपस्थित रहकर ग्रामीणों का संबंधित कार्य निपटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। परंतु करीब 2:30 बजे देखा गया तो वह सिंघोरवां गांव के पंचायत भवन पर भी मौजूद नहीं रहे और उनके साथ साथ पंचायत सहायक भी गायब थे। इसी क्रम में बरवांभोज ग्राम सचिवालय में भी पूरे दिन ताला लटका रहा तथा पंचायत सहायक गायब रहा।
इस बाबत पूछे जाने पर सिंघोरवां व खैराटी गांव के लोगों ने बताया कि सचिव को ग्राम पंचायतों में जब कोई विशेष जरूरी होता है तभी आते हैं और चले जाते हैं। वह कब आये और चले गए इस बात से गांव के लोग अनजान हैं। ऐसे में ग्राम पंचायतों के लिए जारी किया गया रोस्टर बेकार तथा बेमतलब साबित हो रहा है।
शासन द्वारा ग्रामीणों की सुविधा के लिए ग्राम पंचायतों में सचिवों की उपस्थिति के लिए रोस्टर जारी किया गया, ताकि ग्रामीण जनता को भागदौड़ न करना पड़े परंतु नौतनवां ब्लाक पर तैनात कुछ दबंग सचिव शासन के मंशा पर पानी फेर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि इस बात की जानकारी ब्लाक के रोस्टर जारी करने वाले अधिकारी को नहीं है लेकिन यह अधिकारी अपने कर्मचारी द्वारा किए जा रहे लापरवाही जैसे कृत्य को दबाने मे लगे हुए हैं। उन्हें गांव के लोगों की समस्याओं के समाधान का बिल्कुल भी परवाह नहीं है।
सचिवों के ग्राम सचिवालय में न बैठने के कारण ब्लाक मुख्यालय पर सचिवों के इंतजार में हर दिन ग्रामीणों को देखा जा सकता है। लेकिन नौतनवां ब्लाक पर तैनात खैराटी व घिंघोरवां के सचिव द्वारा किये जा रहे मनमानी पर ना तो ब्लाक प्रशासन ही सख्त हो रहा है और ना ही जिला प्रशासन। यही कारण है कि उपरोक्त गांव के सचिव अपने तो मनमानी करने पर उतारू हैं और अपने साथ ही पंचायत सहायकों को भी पंचायत भवनों पर न बैठने का मंत्र दे दिया है।
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