जिंदादिल इंसान

जिंदादिल इंसान

जिंदादिल इंसान


खुशनसीब है वो लोग
जो खुशियां बांटते हैं।
मोहब्बत का राग और
मोहब्बत के गीत
सब को सुनाते हैं।
कोई फर्क नहीं पड़ता उनको
कि लोग
उनको हँसाते हैं
या फिर रुलाते हैं।
वो बस चेहरे पर
हल्की-हल्की मुस्कान लिए
जिंदगी बिताते हैं।
वो नहीं देखते
कि राह में फूल पड़े हैं
या फिर चुभते कांटे,
वो बस
मस्ती के आलम में खोए,
कांटों को भी
फूल समझ निकल जाते हैं।

राजीव डोगरा

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