ज्योतिष विज्ञान में चल रही भ्रांतियां खत्म करने का समय आ गया है यूजीसी चेयरमैन

ज्योतिष विज्ञान में चल रही भ्रांतियां खत्म करने का समय आ गया है यूजीसी चेयरमैन

स्वतंत्र प्रभात वाराणसी ज्योतिष विज्ञान में चल रही भ्रांतियां को खत्म करने की आवश्यकता है जिसके लिए गुणवत्तापूर्ण शोध व शिक्षक की आवश्यक्ता है व गहन ज्ञान की आवश्यकता है एक तरफ योग आयुर्वेद ,ने समूचे विश्व पटल पर अपनी छाप छोड़ी है तो उसी तरफ लोगो के मन मे ज्योतिष विज्ञान के संदर्भ में

स्वतंत्र प्रभात वाराणसी

ज्योतिष विज्ञान में चल रही भ्रांतियां को खत्म करने की आवश्यकता है जिसके लिए गुणवत्तापूर्ण  शोध व शिक्षक की आवश्यक्ता है व गहन ज्ञान की आवश्यकता है एक तरफ योग आयुर्वेद ,ने समूचे विश्व पटल पर अपनी छाप छोड़ी है तो उसी तरफ लोगो के मन मे ज्योतिष विज्ञान के संदर्भ में कुछ भ्रांतियां उत्पन्न होती चली जा रही

जिसे हम दूर करने की आवश्यकता है विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष व काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. धीरेन्द्र पाल सिंह ने ज्योतिष के प्राध्यापकों, शोधार्थियों व विषय विद्वानों का आह्वान किया है कि वे गुणवत्तायुक्त शोध-पत्र प्रकाशित करें ताकि इस शास्त्र के बारे में लोगों की भ्रांतियां दूर हो सकें

ज्योतिष विभाग द्वारा ‘वर्तमान सन्दर्भ में ज्योतिषशास्त्र की प्रासंगिकता’ विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रो. डी. पी. सिंह ने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय सभी पुरातन और नवीन विधाओं में अध्ययन और अध्यापन एवं शोध के लिए जाना जाता है और इसीलिए इसे सर्वविद्या की राजधानी कहा जाता है।

उन्होंने कहा कि ज्योतिष शास्त्र में शोध के लिए भी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय एक उपयुक्त स्थान है।

यूजीसी चेयरमैन ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा में प्राचीन काल से ही मानवोपयोगी विभिन्न शास्त्रों का अध्ययन-अध्यापन होता रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप विश्व के अनेक सिद्धांतों के उद्भव, विकास और काल क्रम से ह्रास की स्थिति में भी भारतीय संस्कृति, सभ्यता एवं परंपरा में निहित सनातन सिध्दांत, उनके शास्वत मूल्य और पौराणिक ज्ञान विज्ञान आज भी विश्व स्तर पर अपने महत्व को प्रमाणित कर रहे हैं।

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