टीबी के प्रति छात्रों को किया जागरूक निबंध व प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित
विजयी छात्रों को किया सम्मानित क्षय उन्मूलन के तहत हुआ कार्यक्रम
स्वतंत्र प्रभात
देश को वर्ष 2025 तक क्षय रोग (टीबी) मुक्त करने के प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने के लिए क्षय रोग विभाग लगातार जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। टीबी के खात्मे के लिए अब छात्रों को इसके प्रति जागरूक बनाया जा रहा है। इसी के तहत वृहस्पतिवार को चिल्ला रोड स्थित भागवत प्रसाद मेमोरियल स्कूल में निबंध व प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित हुई। विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
क्षय उन्मूलन अभियान को गति देने के लिए क्षय रोग विभाग अब स्कूल कॉलेजों में कार्यक्रमों का आयोजन कर टीबी के लक्षणों और सरकारी स्तर पर टीबी के उपचार के लिए उपलब्ध निशुल्क सेवाओं की जानकारी देने में जुटा है। स्कूल में क्षय रोग पर निबंध व प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता कराई गई।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. एमसी पाल ने कहा क्षय रोग पहले प्राणघातक रोग था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। चिकित्सा विज्ञान ने इसके उपचार को लेकर काफी प्रगति कर ली है और टीबी का रोगी नियमित उपचार के बाद पूरी तरह ठीक हो जाता है। टीबी शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है, लेकिन फेफड़ों की टीबी संक्रामक होने के चलते ज्यादा खतरनाक है।
उन्होंने बताया कि टीबी रोगी के सांस और मुंह से निकलने वाली बूँदें (ड्रॉपलेट) यह बीमारी दूसरे कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को भी अपनी चपेट में ले लेती है। इसलिए क्षय उन्मूलन के लिए लक्षण आने पर जल्दी उपचार शुरू होना जरूरी है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक प्रदीप वर्मा ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक खांसी, बलगम का आना, बलगम में खून का आना, बुखार आना, मरीज को भूख कम लगना, वजन का घटना आदि लक्षण हैं तो ऐसे व्यक्ति को तुरंत अपने पास के सरकारी अस्पताल में जांच करानी चाहिए। टीबी की जांच सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त उपलब्ध हैं। टीबी रोगियों को इलाज के दौरान बेहतर पोषण के लिए हर माह पांच सौ रूपए भी दिये जाते हैं ।
निबंध प्रतियोगिता में आशीष को प्रथम, आदित्य कुमार को द्वितीय और शोभित सोनी को तृतीय पुरूस्कार मिला। कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम समन्वयक प्रदीप वर्मा, जिला पीपीएम समन्वयक गनेश प्रसाद, बृजेंद्र साहू, अरशद हाशमी, विकल्प सोनी, संध्या व स्कूल स्टाफ उपस्थित रहा।
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