sanjeev-nee
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Read More... क्यों गुलाबों की तरह महकते नहींl
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By Swatantra Prabhat Desk
संजीव-नी।क्यों गुलाबों की तरह महकते नहींlक्यों गुलाबों की तरह महकते नहीं,क्यूँ बहारों के साथ चहकते नहीं।दफ़्न हो रही है तमन्ना-ए-मोहब्बत,क्यूँ फ़िज़ाओं में अब वो रहते नहीं।मर जायेगा आशिक़ तनहा होकर,क्यूँ... ख्वाबों की दुनिया सजाई थी मैंने।
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संजीव-नी। ख्वाबों की दुनिया सजाई थी मैंने। दिल में ख़्वाबों की दुनिया सजाई थी मैंने, तेरे आने की चाहत जगाई थी मैंने। तेरे आने से महफ़िल गुलज़ार हो उठी, राह पलकों पे अपनी बिछाई थी मैंने। तेरी पायल की छन... संजीव-नी|
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आज मेरे दिल का क्या हाल है। आज न जाने मेरे दिल क्या हाल है, सुर है न ताल है हाल मेरा बेहाल है। आंखों से क्या जरा ओझल हुए तुम, जिन्दगी की हर चाल ही बेचाल है। सोते जागते... संजीव-नीl
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By Swatantra Prabhat UP
जो शांति के दे पैगाम,जो शांति के दे पैगाम,वक्त में जो काम आएवह सच्चा मित्र होता है।साथ साथ जो कंधेसे कंधा मिलाकरपसीना बहाए,वह अच्छा मित्र होता है।मित्र और शत्रु की पहचानबुरे... 