एमए बीए पीएचडी हम सब करि डारेन जो रेट मा, वतनै खर्च करे पर बिटिया अटकी कक्षा एक मा

बाबागंज बहराइच भारत-नेपाल मैत्री परिषद के तत्वाधान में बाबागंज के सहकारी समिति प्रांगण में शनिवार रात कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमे देश के विभिन्न हिस्सो से आए कवियो ने अपनी रचनाए प्रस्तुत क़ी। हंसी और ठिठोली क़ी रचनाओं के बीच पूरी रात श्रोता डटे रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि बहराइच सांसद अक्षयवर

बाबागंज बहराइच भारत-नेपाल मैत्री परिषद के तत्वाधान में बाबागंज के सहकारी समिति प्रांगण में शनिवार रात कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमे देश के विभिन्न हिस्सो से आए कवियो ने अपनी रचनाए प्रस्तुत क़ी। हंसी और ठिठोली क़ी रचनाओं के बीच पूरी रात श्रोता डटे रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि बहराइच सांसद अक्षयवर लाल गौड ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक घनश्याम सिंह रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पूर्व शिक्षक शिव कुमार पाठक ने क़ी। सम्मेलन के लिए मंच क़ा संचालन वरिष्ठ कवि रामकिशोर तिवारी ने अपनी रचना “उस भगत सिंह नर नाहर के चरणों में शीश झुकाता हूं, उस महा सूर्य की पूजा में छोटा सा दिया जलाता हूं” से शुरू किया।
तत्पश्चात कवियो को माला, बुके, अंगवस्त्र और मां भगवती के चित्र भेंटकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम क़ा आगाज करते हुऐ रामकिशोर ने कवियो को सादर आमंत्रित कर बारी-बारी से अपनी कविता क़ा पाठ करवाया। एक ओर कवि ने अपनी कविता में बच्चों और किशोरों क़ी बात कहीं तो दूसरे कवि मंहगाई, छुट्टा जानवरो, प्रधानी, देश क़ी राजनीति, भ्रूण हत्या, गरीबी क़ा दर्द बयां किया। जगजीवन मिश्र ने जवानों में आत्मबल भरते हुऐ कहा क़ी “प्यार मां जैसा हो वारि गंगा मिले, मरने पर फिर कफन बस तिरंगा मिले” तो वहीं हैदरगढ़ से शिवकुमार तिवारी खंजन ने “है जिन का कार्य उत्तम और उत्तम है घराना भी, वहीं दशरथ का बेटा बनकर पैदा राम होता है”
से जबरदस्त तालियां बटोरी। महेश्वरबख्श सिंह बहराइच ने जहां अपनी व्यंग्य रचना “हाकिम कय हर इक हुक्म बजावे मा जुटे हैं, हम अपने नौकरी का बचाव मा जुटे हैं” से लोगों का दिल जीता तो वही प्रसिद्ध कवि व साहित्य कार फारुख सरल लखीमपुर ने एकता पर अपनी रचना “तिनका का कुछ अलग नहीं अस्तित्व मगर, तिनका तिनका जोड़ के छप्पर बनता है” सुनाई। प्रसिद्ध कवियत्री रश्मि प्रभाकर ने अपनी रचना “मैं कविता के हुनर से आपके दिल में उतर जाऊं, जीयूं तो याद रखें जब मरूं तो याद रह जाए”, से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
डॉ अनिल “बौझड़” बाराबंकी ने अपनी हास्य रचना “एमए बीए पीएचडी हम सब करि डारेन जो रेट मा, वतनै खर्च करे पर बिटिया अटकी कक्षा एक मा”, से लोगों को लोटपोट कर दिया। स्थानीय शिक्षक दुर्गेश द्विवेदी ने “मुझको कभी हिदायत कभी प्यार मिला है,माता पिता के चरणों में संसार मिला है” कार्यक्रम संयोजक शैलेंद्र कुमार मिश्र ने अंत में उपस्थित सभी लोगो का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर ब्लॉक प्रमुख  हरीशचंद्र,दिनेश गुप्ता, मो. अफजल, फौजदार वर्मा, आनंद पाठक, डा. उमाशंकर वैश्य, पप्पू यादव, वकील अहमद, पत्रकार संतोष मिश्रा,कौशलेंद्र भूषण पांडेय,रुद्र प्रताप मिश्रा, मो.अकील, संजय वर्मा मौजूद रहे।
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