श्रीराम वनगमन पथ पर अयोध्या से रामेश्वरम तक पदयात्रा करने वाले दो युवकों का हुआ जगह-जगह स्वागत ​​​​​​​

अयोध्या के नगर कोतवाल हनुमान जी का दर्शन हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने करवाया।


 स्वतंत्र प्रभात


मिल्कीपुर अयोध्या


अयोध्या से शुरू हुई राम वनगमन पथ पर पदयात्रा रामेश्वरम धाम से 100 दिन में समाप्त हो करके वापस अयोध्या नगरी आ गई है। अयोध्या जनपद के शाहगंज निवासी युवक अमित योगी और सम्राट 'सिद्धार्थ' दो युवकों ने यात्रा शुरू की थी। आज सुबह दोनों युवकों को लेकर अयोध्या से रामेश्वरम ई. रवि तिवारी के नेतृत्व में अभिनंदन करने गया दल अयोध्या पहुंचा। मिल्कीपुर विधानसभा के विधायक बाबा गोरखनाथ ने 


सुबह 7:00 बजे अमित योगी और सम्राट के साथ में मां सरयू स्नान किया। तदुपरांत सरयू मां की आरती की। इस दौरान 3 कलश मंदिर के महंत गिरीश पति त्रिपाठी भी उनके साथ रहे। अयोध्या के नगर कोतवाल हनुमान जी का दर्शन हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने करवाया।

 चंपत राय के साथ में विधायक गोरखनाथ बाबा, ई. रवि तिवारी, अमित योगी और सम्राट ने रामलला मंदिर जाकर के मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के दर्शन किए और मंदिर निर्माण का अवलोकन भी किया। कनक भवन मंदिर में और रंग महल में भी इन युवकों का भव्य स्वागत किया गया। अमित और सम्राट का स्वागत गुरु नानक एकेडमी के प्रबंधक ने  भी किया। खिहारन में अजीत मौर्या के द्वारा अमित और सम्राट का स्वागत किया गया। 

कुचेरा में ऋषभ कसौधन ने इन दोनों युवकों का स्वागत किया। अयोध्या के शाहगंज बाजार के भारत माता मंदिर में इन दोनों युवकों का भव्य स्वागत किया गया।अमित योगी ने भारत माता मंदिर में बोलते हुए कहा नर रूपी नारायण भगवान राम ने जो कष्ट सहन किया, वह कष्ट हमारा यह शरीर भी सहन कर सकता है। इसीलिए हमने इस यात्रा को शुरू किया था और शायद भगवान श्रीराम का ही आशीर्वचन था कि यह यात्रा पूरी हो पाई। 

अमित ने यह भी कहा कि इस यात्रा के पीछे आप सभी जनता का प्रेम, स्नेह और आशीर्वाद भी कारण है और इसी कारण यात्रा संभव हो पाई। 4000 से 5000 किलोमीटर लंबी यात्रा जो कि 6 राज्यों से गुजरी और भारत के 100 जिलों से होकर गुजरी।

 इस यात्रा ने भारत के सभी जनमानस को आपस में जोड़ते हुए राम के आदर्श को यथार्थ रूप में परिणित किया। इस यात्रा को कहीं ना कहीं  भगवान राम जी, हनुमान जी और शिव जी के प्रत्यक्ष रूप में मेरे साथ विराजमान होने की भी अवधारणा जो मेरे मन में लगातार बनी रही और कई ऐसी विषम स्थितियां भी आई जब यह लगा कि हालात बहुत मुश्किल है, लेकिन भगवान ने सहायता की।


यह यात्रा 100 दिन पूर्व शुरू हुई थी और 100 दिन के बाद एक बार फिर अयोध्या वापस आ गई है और जो रास्ते में कठिनाई आई उसने जीवन जीने की कला सिखाई। श्री राम रथ यात्रा के स्वागत समारोह के भूमिका का प्रमुख निर्वहन बाबा गोरखनाथ ने किया।

 विधायक ने कहा कि ये दोनों युवक युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। इन्हीं लोगों का जीवन धन्य है जो इनको भगवान राम के वन गमन के समस्त मार्गों से गुजरने का अवसर प्राप्त हुआ और इससे आम जनमानस में भी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जीवन के जीवन चरित्र से प्रभावित होकर प्रेरित होगा। 

   इस यात्रा का समापन शाहगंज के शिवाला मंदिर पर हुआ। जहां पर पंजाब प्रांत के संघ प्रचारक राम गोपाल जी भी उपस्थित रहे।  शिवाला मंदिर पर भव्य भंडारे की भी व्यवस्था की गई ।

 इस अवसर पर मिल्कीपुर विधायक बाबा गोरखनाथ उनके निजी सचिव महेश ओझा, सुशील मिश्रा, आनंद सोनी, इंजीनियर रवि तिवारी, हरीश श्रीवास्तव, प्रवीण सिंह, पुष्कर तिवारी, श्यामलाल, विवेक पांडे, केशव ,हरि जी सोनी ,आनंद सोनी , श्यामलाल ,विवेक पांडे राहुल भी उपलब्ध रहे।

About The Author: Swatantra Prabhat