बेजुबानों के लिए ठंड बनी मुसीबत ।
बेजुबानों के लिए ठंड बनी मुसीबत । प्रदीप दुबे (रिपोर्टर ) औराई भदोही। कड़कड़ाती ठंड से नागरिक ही नहीं बल्कि बेजुबान जानवर भी इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं। कई साल पूर्व ग्रमिण अपने घरों के दरवाजे पर उपली, लकड़ी आदि से अलाव जला लेते थे। जिससे आस-पास के लोगों के साथ-साथ बेजुबान जानवर भी ठंड
बेजुबानों के लिए ठंड बनी मुसीबत ।
प्रदीप दुबे (रिपोर्टर )
कड़कड़ाती ठंड से नागरिक ही नहीं बल्कि बेजुबान जानवर भी इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं। कई साल पूर्व ग्रमिण अपने घरों के दरवाजे पर उपली, लकड़ी आदि से अलाव जला लेते थे। जिससे आस-पास के लोगों के साथ-साथ बेजुबान जानवर भी ठंड से निजात पाने के लिए वहां एकत्रित हो जाते थे।
लेकिन यह कई वर्षों से पुरानी बातें हो गई है। मंहगाई और आधुनिकता की चकाचौंध में अलाव का स्थान इलेक्ट्रॉनिक हिटर ने ले लिया है। इस दशा में बेजुबानों को ठंड से बचने का उपाय नहीं मिल पा रहा है और ठंड से बचने के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
Read More नहीं रुक रहा है ओवरलोड ओवर हाइट गन्ना ट्रकों का संचालन कभी घट सकती है बड़ी दुर्घटना प्रशासन मौनभीषण शीतलहर से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लोग इस भीषण शीतलहर में सीकुड़े हुए नजर आ रहे हैं। बताते चलें कि हर साल ठंड में शासन प्रशासन द्वारा अलाव की व्यवस्था की जाती रही है । परंतु इस वर्ष जहां भीषण ठंड प्रकोप जारी है वहीं प्रशासन भी ठंड की अनदेखी कर रहा है।
जिससे आहत ग्रामीणों का कहना है कि इस बार ठंडी में ना तो शासन प्रशासन और ना ही कोई जनप्रतिनिधि इस भीषण ठंड लहर में आगे आकर अलाव की व्यवस्था नहीं कर रहे हैं। जिससे लोगों की दिनचर्या भंग सी हो गई है लोग इस हाड़कपाती ठंड में सिकुड़े हुए नजर आ रहे हैं कहीं पर अलाव जलता नहीं दिखाई पड़ रहा है।

Comment List