पुराने शौचालय को डेंट-पेंट कर बना दिया नया चाइल्ड फ्रेंडली शौचालय

ग्राम प्रधान और सिक्रेटरी के मिली भगत से हुआ लाखों का घपला निचलौल, महाराजगंज। निचलौल विकासखंड में सरकार की भेजे गए धन को लूटने के नए-नए तरीके इजाद हो रहे हैं, लूट की हालत यह है कि पिछले साल प्राथमिक विद्यालयों पर ग्राम प्रधानों ने लाखों रुपए खर्च कर चाइल्ड फ्रेंडली शौचालयों का निर्माण कराया

ग्राम प्रधान और सिक्रेटरी के मिली भगत से हुआ लाखों का घपला

निचलौल, महाराजगंज। निचलौल विकासखंड में सरकार की भेजे गए धन को लूटने के नए-नए तरीके इजाद हो रहे हैं, लूट की हालत यह है कि पिछले साल प्राथमिक विद्यालयों पर ग्राम प्रधानों ने लाखों रुपए खर्च कर चाइल्ड फ्रेंडली शौचालयों का निर्माण कराया लेकिन यह सिर्फ कागजों में चाइल्ड फ्रेंडली शौचालय चकाचक है

और जमकर लूट की गई यानी इस योजना में भी यहां जमकर लूट की गई और अधिकारी है कि चुप्पी लगाए बैठे हैं, यह क्यों नहीं इसकी जांच कर कार्रवाई कर रहे हैं, इन अधिकारियों की भी स्थिति संदिग्ध लग रही है, कही यह भी मिले हुए नही है।

आपको बता दे कि ताज मामला निचलौल विकासखंड के ग्राम घोरनर में जो चाइल्ड फ्रेंडली शौचालय बना है और इस पर लाखों का खर्च किया गया, वह एक पुराना शौचालय बताया जा रहा है जो जूनियर हाई स्कूल निर्माण के साथ ही बना था और ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी ने इस पुराने शौचालय को ही डेंट पेंट करवाकर चाइल्ड फ्रेंडली शौचालय लिखवा दिया और लाखों का गमन कर लिया, चाइल्ड फ्रेंडली शौचालय निर्माण के लिए पूरी गाइडलाइन जारी हुई थी, उसका मॉडल भी जारी हुआ था लेकिन यहां लूट इस कदर मची की मॉडल तक को नजरअंदाज किया गया, पुराने शौचालय पर ही लूट की साजिश के तहत ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी ने लाखों रुपए का गोलमाल कर लिया।


ऐसा नहीं कि इसकी जांच नहीं हुई होगी, अधिकारी ने बाकायदा इसकी सरकार को रिपोर्ट भेजी होग, की इस ग्राम सभा में चाइल्ड फ्रेंडली शौचालय का निर्माण कराया गया है, यहाँ तो यही माना जा सकता है कि जो सरकार को रिपोर्ट भेजी गई वह पूरी तरह गलत थी, इस तरह खुलेआम लूट की जानकारी खंड विकास कार्यालय पर तैनात संबंधित अधिकारियों को नहीं होगी लेकिन समझ में नहीं आता कि गांव में सरकार विकास योजना चला रही है और इस कदर लूट मची हुई है कि पुराने शौचालयों को डेंट पेंट करके नया शौचालय का रूप देकर लाखों पर निकालिए जाता है

और अधिकारी पूरी तरह चुप्पी लगाए बैठे हैं कोई कारवाई करने की जहमत नहीं उठा रहे हैं, ऐसे में अब तो खण्ड विकास कार्यालय पर बैठे अधिकारियों पर भी संदेह होने लगा है कि कही इनकी भी सेटिंग नहीं है, और यह सब कुछ जानते हुए भी सरकार को हर विकास योजनाओं के सफल संचालन की फर्जी रिपोर्ट भेज रहे हैं।
गांव के लोगों के जागरुक लोगों ने इस भ्रष्टाचार की जांच कर संबंधित पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

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