दिल्ली की सीमाएं सील होने के बावजूद डीसीएम से प्रवासी मजदूर पहुंचे शाहजहांपुर।

दिल्ली की सीमाएं सील होने के बावजूद डीसीएम से प्रवासी मजदूर पहुंचे शाहजहांपुर।

24 घंटे से इधर उधर घुमा रहा था डीसीएम संचालक मजदूरों के चिल्लाने पर मीडिया कर्मियों ने डीसीएम को दौड़ाकर पकड़ा शाहजहांपुर। प्रधानमंत्रीी नरेंद्र मोदी द्वारा चलाया जा रहा है लॉक डॉन पार्ट 3 के तहत कोरोना वायरस महामारी के चलते मरीजों की संख्या ज्यादा होने के कारण दिल्ली की सारी सीमाएं सील कर दी

24 घंटे से इधर उधर घुमा रहा था डीसीएम संचालक मजदूरों के चिल्लाने पर मीडिया कर्मियों ने डीसीएम को दौड़ाकर पकड़ा

 शाहजहांपुर। 

प्रधानमंत्रीी नरेंद्र मोदी द्वारा चलाया जा रहा है लॉक डॉन पार्ट 3 के तहत कोरोना वायरस महामारी के चलते मरीजों की संख्या ज्यादा होने के कारण दिल्ली की सारी सीमाएं सील कर दी गई हैं लेकिन आज भी बाहर निकलने वालों के खिलाफ मुकदमें दर्ज हो रहे हैं तो मजदूरों को पुलिस प्रशासन द्वारा पीट-पीटकर मौत के घाट उतारने के कई मामले सामने आ चुके हैं लेकिन अन्य प्रदेशों से प्राइवेट लोडर वाहनों से गांव में पहुंच रहे प्रवासी मजदूरों की जिला प्रशासन को खबर तक नहीं लग रही है वही दिल्ली से शाहजहांपुर सफर करने वाली डीसीएम गाड़ी कैसे पहुंची यह पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर एक प्रश्न चिन्ह बना हुआ है जब जगह-जगह चेक पोस्ट और सीमाएं सील हैं मामला शाहजहांपुर जिले का है जहां एक डीसीएम संचालक यूपी 27 टी 9958 दिल्ली से लगभग 50 से 60 प्रवासी मजदूरों को दो हजार रुपया प्रति मजदूर के हिसाब से शाहजहांपुर लेकर आया जिनमें कुछ मजदूरों के पास पैसा ना होने के कारण डीसीएम संचालक 24 घंटे से मजदूरों को इधर से उधर घुमाता रहा और पहले पेमेंट करने की बात कहता रहा बताया जाता है।

डीसीएम पर शाहजहांपुर जिले के कांट एवं थाना शेरामऊ दक्षिणी क्षेत्र के भरगवा गांव के मजदूर सवार थे तो वही कुछ मजदूर हरदोई जिले के शाहाबाद और लखीमपुर खीरी जिले के सवार थे जिन्हें डीसीएम चालाक जंग बहादुर गंज तक लेकर गया लेकिन पूरा पैसा ना देने के कारण वहां भी नहीं उतारा और वहां से गाड़ी वापस फिर शाहजहांपुर ले आया जहां हरदोई बाईपास पर मजदूर डीसीएम के ऊपर चढ़कर चीख-पुकार करने लगे तो वहां मौजूद मीडिया कर्मियों ने डीसीएम का पीछा किया और डीसीएम संचालक तेजी और लापरवाही से भरगवां गांव तक भगा कर ले गया जहां ग्रामीणों के सहयोग से डीसीएम को रोक लिया गया बताया जाता है यहां के कुछ मजदूर भी थे जो उतर कर अपने घरों में चले गए और उनके परिवार वालों ने डीसीएम संचालक को भगा दिया वहीं शेष प्रवासी मजदूर खबर लिखे जाने तक गांव में मौजूद थे सवाल उठता है कि इस तरह से दिल्ली नोएडा गाजियाबाद से आ रहे प्रवासी मजदूर शाहजहांपुर जिले के लिए एक आफत बन सकते हैं जो बगैर 14 दिन बाहर रुके अपने अपने घरों को सीधे जा रहे हैं इनमें पैदल घर पहुंच रहे हैं मजदूरों की संख्या अधिक है वहीं जिला प्रशासन इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

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