अलीगढ़ की जनता के दिलों पर राज करते थे स्व.मुकुल द्विवेदी

अलीगढ़ की जनता के दिलों पर राज करते थे स्व.मुकुल द्विवेदी

शहीद दिवस 2 जून शहीद मुकुल द्विवेदी’ की शहादत पर श्रद्धाजंलि अर्पित धर्मेन्द्र राघव अलीगढ़। जब तारीख के पन्ने पलट रहा था तो 2 जून 2016 कि वह घटना मानो आज भी वह बेहद दुखद एवं आंखें नम हो जाती हैं। जब हम ऐसे वीर सपूत महानायक की घटना सामने आई स्थान था मथुरा का

शहीद दिवस 2 जून शहीद मुकुल द्विवेदी’ की शहादत पर श्रद्धाजंलि अर्पित


धर्मेन्द्र राघव


अलीगढ़।

जब तारीख के पन्ने पलट रहा था तो 2 जून 2016 कि वह घटना मानो आज भी वह बेहद दुखद एवं आंखें नम हो जाती हैं। जब हम ऐसे वीर सपूत महानायक की घटना सामने आई स्थान था मथुरा का जवाहर बाग जल रहा था। जब वह मंजर याद करते हैं आंखें नम हो जाती हैं, और एक तस्वीर मानो आंखों के सामने आने लगती है,

वह कोई और नहीं वह वीर सुपुत्र महानायक तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और थानाध्यक्ष संतोष यादव जिन्होंने जवाहर बाग को रामवृक्ष यादव के कब्जे से मुक्त कराने के लिए अपनी जान गंवाते हुये शहीद हो गए थे। ऐसे शहीद मुकुल द्विवेदी उनके 2 जून शहीद दिवस के अवसर पर उनको अलीगढ़ के लोग उनकी शहादत पर सलाम करते हैं, और उनको आज याद करते हैं। कि कैसे थी हमारे शहीद मुकुल द्विवेदी जब वह अलीगढ़ में आए थे। तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी अलीगढ़ में क्षेत्र अधिकारी नगर रहे

अपनी तैनाती के दौरान जितने समय अलीगढ़ में रहे थे। उन्होंने अलीगढ़ के लोगों के दिल जीतकर हमेशा राज किया था। जनता ने आपको हमेशा मां ने अपना बेटा बहन ने अपना भाई समझ कर अपनी फरियाद एवं अपनी समस्या दिल खोलकर उनके सामने रखती थी। हर समस्या को जब वे हल करते थे। तो सभी लोग को लगता था कि कोई हमारा हमारे साथ खड़ा है। शायद पुलिस अधिकारी वह कमी होते हैं।

जो लोगों के दिलों पर राज करते हैं । उनसे कई बार मुलाकात हुई जब वह अलीगढ़ में आए तो अलीगढ़ में एक अपनी नई पहचान अपनी एक नई छवि पुलिस की एक अलग ही पहचान बनाने में वे कामयाब हुए। अलीगढ़ में दंगे के दौरान सोशल पब्लिक मीटिंग कर शांति सद्भावना हेतु जनता के बीच जाकर जागरूकता अभियान चलाया। जनता के बीच जाकर भाईचारे के साथ रहने एवं लोगों के बीच सद्भावना की एक नई मिसाल कायम करने वाले मुकुल द्विवेदी जी की एक और खासियत थी। कि बच्चों की पढ़ाई और स्कूल भेजने पर बहुत जोर देते थे।

क्षेत्रीय लोगों से उनके बच्चों के बारे में पूछते और जो लोग पढ़ने अपने बच्चों को नहीं भेजते थे। वह उनकी मदद करके और उन्हें समझाते पढ़ाई की अहमियत बताते और कहते के पढ़ाई इंसान को आगे बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वह कहते कि अगर समाज में आगे बढ़ना है, तो शिक्षा को अपना हथियार बना लो और हर एक घर एवं हर एक बच्चा जब तक पढ़ा लिखा नहीं होगा। तब तक आप समाज एवं अपने शहर अपने प्रदेश और अपने देश का भला नहीं कर सकते हैं। उन्हें स्कूल तक भेजने में उनकी मदद करते थे।

अलीगढ़ के लोगों के दिलों में आज भी राज करते हैं उनकी यादें आज भी लोगों के दिलों में मौजूद हैं । अलीगढ़ का हर एक नागरिक 2 जून शहीद दिवस शहीद मुकुल द्विवेदी को उनकी शहादत पर और उनकी चैथी पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। ’ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी’। ’जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी’.।

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