भूतपूर्व सैनिक के दो बेटे निकले संदिग्ध आतंकी

भूतपूर्व सैनिक के दो बेटे निकले संदिग्ध आतंकी

– कैराना के रहने वाले हैं दरभंगा ब्लास्ट कांड में गिरफ्तार दोनों भाई – 1965 व 71 में पिता ने पाकिस्तान से लड़ी थी जंग कैराना। आतंकी गतिविधियों को लेकर बदनाम रहे कैराना पर एक बार फिर बदनुमा दाग लग गया है। दरअसल, दरभंगा ब्लास्ट कांड में एनआईए द्वारा हैदराबाद से गिरफ्तार किए गए दोनों

– कैराना के रहने वाले हैं दरभंगा ब्लास्ट कांड में गिरफ्तार दोनों भाई

– 1965 व 71 में पिता ने पाकिस्तान से लड़ी थी जंग

कैराना।
आतंकी गतिविधियों को लेकर बदनाम रहे कैराना पर एक बार फिर बदनुमा दाग लग गया है। दरअसल, दरभंगा ब्लास्ट कांड में एनआईए द्वारा हैदराबाद से गिरफ्तार किए गए दोनों युवक कैराना के ही रहने वाले हैं। दोनों युवक सगे भाई हैं, जो लश्कर-ए-तैयबा के संदिग्ध आतंकी बताए जा रहे हैं। आरोपियों के पिता भूतपूर्व सैनिक हैं, जिन्होंने पाकिस्तान से 1965 और 1971 की जंग लड़ी थी। फिलहाल पूरे मामले में खुफिया विभाग करीबियों की कुंडली खंगालने में जुट गया है।
भूतपूर्व सैनिक के दो बेटे निकले संदिग्ध आतंकी
   कैराना एक बार फिर सुर्खियों में हैं। यहां के मोहल्ला कायस्थवाड़ा निवासी नासिर खान व इमरान मलिक को हैदाराबाद में एनआईए ने गिरफ्तार किया है। दोनों युवक सगे भाई हैं, जिन पर बिहार के दरभंगा में रेलवे स्टेशन पर हुए पार्सल ब्लास्ट की साजिश रचने का आरोप है। आरोपी लश्कर-ए-तैयबा के संदिग्ध आतंकी बताए जा रहे हैं। इनके पिता भूतपूर्व सैनिक बताए गए हैं। बताया जा रहा है कि दोनों भाई हैदराबाद में कपड़े का काम करने गए हुए थे। इधर, आतंकी गतिविधियों को लेकर दोनों भाइयों की गिरफ्तारी की खबर से मोहल्ले के लोग सकते में हैं। आस-पड़ोस के लोग ज्यादा कुछ कहने से बच रहे हैं।

क्या है पूरा मामला

बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर गत 17 जून को ट्रेन से उतारे गए एक पार्सल मे विस्फोट हो गया था। दरभंगा विस्फोट की जांच एनआईए द्वारा की जा रही है। इसी मामले में एनआईए ने हैदराबाद से नासिर खान व इमरान मलिक को गिरफ्तार किया है।

देश के लिए पिता ने दी कुर्बानी

भूतपूर्व सैनिक के दो बेटे निकले संदिग्ध आतंकी
दरभंगा ब्लास्ट कांड में गिरफ्तार नासिर खान व इमरान मलिक के पिता हाजी मूसा खान भूतपूर्व सैनिक बताए गए हैं। गुरूवार को उनका मकान बंद मिला। मकान के मुख्य गेट पर हाजी मूसा खान का भूतपूर्व सैनिक का बोर्ड भी लगा नजर आया। मोहल्लेवासियों ने बताया कि हाजी मूसा खान ने सन् 1965 व 1971 में पाकिस्तान से जंग लड़ी थी। इसमें उन्होंने देश की रक्षा के लिए कुर्बानी दी थी। मूसा खान के चार बेटे व एक बेटी हैं।

पड़ोसी बोले, नहीं थी ऐसी उम्मीद

कैराना में हाजी मूसा खान अकेले रहते हैं। पड़ोसियों ने बताया कि उनके चारों बेटे फिलहाल काम के सिलसिले में बाहर ही रह रहे थे। हाजी मूसा खान की पत्नी का भी कुछ सालों पहले निधन हो चुका है। गुरुवार को पड़ोसियों ने बताया कि हाजी मूसा खान बीमार चल रहे हैं, जो उपचार के लिए किसी अस्पताल में गए हुए हैं। पड़ोसी सद्दाम ने बताया कि हाजी मूसा खान अच्छे इंसान हैं, जो भूतपूर्व सैनिक हैं। पड़ोसी ने बताया कि उनके बेटे के बारे में अखबार पढ़कर पता चला हैं। पड़ोसी का कहना है कि किसी को भी उनके परिवार से ऐसी उम्मीद नहीं है। मामले की जांच के बाद ही पूरा सच सामने आ पाएगा।

…तो पूर्व में पकड़ा गया था नासिर ?

बताया जा रहा है कि नासिर लंबे समय से हैदराबाद में ही काम करता था। सूत्रों का कहना है कि लगभग पांच वर्ष पूर्व नासिर हैदराबाद में पकड़ा गया था। उसकी गिरफ्तारी किस मामले में हुई थी, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। हालांकि, उसके दूसरे भाई इमरान के करीब 20 दिन पहले ही हैदराबाद जाने की बात कही जा रही है।
भूतपूर्व सैनिक के दो बेटे निकले संदिग्ध आतंकी

पूर्व में भी हिरासत में लिए थे तीन लोग

दरभंगा ब्लास्ट कांड में 20 जून को एटीएस व स्थानीय पुलिस ने कस्बे के मोहल्ला आलखुर्द से लगते मुल्तानियान बिसातियान निवासी हाजी सलीम उर्फ टुइंया व उसके बेटे सावेज उर्फ असद को हिरासत में लिया था। इसके अलावा कस्बे के ही मोहल्ला आलखुर्द निवासी कफील को 23 जून को झिंझाना से हिरासत में लिया गया था। हालांकि, जिले के एसपी ने दो लोगों के ही हिरासत में लिए जाने की पुष्टि की थी। कहा जा रहा है कि इनसे भी पूछताछ चल रही है।

रडार पर कैराना, खंगाली जा रही कुंडली

अब कैराना खुफिया विभाग के रडार पर आ गया है। इस मसले को लेकर एजेंसियां जांच में जुटी हुई है। कैराना खुफिया विभाग के रडार पर आया हुआ है। हर गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इतना ही नहीं, आरोपियों के करीबियों व उनके संपर्क में आने वाले लोगों की कुंडली खंगाली जा रही है।
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