जंगली गायों से किसानों की बड़ी मुश्किलें
(स्वतंत्र प्रभात) मौदहा (हमीरपुर) क्षेत्र में अन्ना मवेशियों के नियन्त्रण के लिए स्थापित किये गये गौ संरक्षण केन्द्रों के माध्यम से अन्ना तो नियन्त्रित हो गये परन्तु जंगली गायों से किसानें को अब अपनी खड़ी फसलें बचाना कठिन हो रहा है इस सम्बन्ध में सिजवाही गांव निवासी कृषक ने इन्हे नियन्त्रित करने की मांग की
(स्वतंत्र प्रभात)
मौदहा (हमीरपुर)
क्षेत्र में अन्ना मवेशियों के नियन्त्रण के लिए स्थापित किये गये गौ संरक्षण केन्द्रों के माध्यम से अन्ना तो नियन्त्रित हो गये परन्तु जंगली गायों से किसानें को अब अपनी खड़ी फसलें बचाना कठिन हो रहा है इस सम्बन्ध में सिजवाही गांव निवासी कृषक ने इन्हे नियन्त्रित करने की मांग की है।विकास खण्ड क्षेत्र में इस वर्ष अन्ना मवेशियों के बन्द होने से किसानों ने राहत की सांस ली है लेकिन अब वनरोझों की संख्या बढने के साथ ही जंगली गायें की संख्या भी किसानों के लिए आफत बनी है
पूरे क्षेत्र में जहां बनरोझ किसानों की फसलों को छति पहुंचा रहे हैं। वहीं कई क्षेत्रों में जंगली गायों का आतंक कम नहीं है। इन्हे आसानी से पकड़ा भी नहीं जा सकता। इनकी संख्या सबसे अधिक महोबा जनपद के सीमावर्ती गांव मवई चिचारा व यहां के गांव छिरका, मवइया, मदारपुर तथा करहिया क्षेत्र में है जहां रातों को खेतों में डेरा डालकर किसान अपनी फसलों की सुरक्षा करने में लगा है
वहीं सिजवाही गांव निवासी कृषक अमर सिंह खंगार ने आज उपजिलाधिकारी अजीत परेश को अपनी फरियाद सुनाते हुये बताया कि गांव खण्डेह, सिजवाही व फत्तेपुरवा के बीच इस समय लगभग डेढ़ सौ जंगली सांड व गाय आतंक मचाये हुये हैं। यह उसकी चार बीघे की चने की फसल चट कर चुकी हैं।
तो कृषक बलराम सिंह की लगभग तीन बीघा व इन्द्रपाल सिंह की लाही तीन बीघा, तथा रामजीवन, चुनबद्दी, राजकुमार निवासी खण्डेह सहित एक दर्जन से अधिक किसानों की फसलों की छति पहुचां चुकी हैं। इनसे फसलों की सुरक्षा की मांग की है इस सम्बन्ध में उप जिलाधिकारी ने वन क्षेत्राधिकारी को पत्र लिखकर इनकी जानकारी लेने के साथ ही किसानों की फसलों की सुरक्षा करने के साथ ही उन्हे नियन्त्रण के लिए कहा गया है।
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