कानपुर में अल्पसंख्यक महासभा द्वारा उठाई गई अधिकारों के प्रति आवाज
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कानपुर। आज अपने तय कार्यक्रम के अनुसार अखिल भारतीय अल्पसंख्यक महासभा द्वारा विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के मौके पर कुली बाजार स्थित संस्था के कार्यालय में संगोष्ठी का आयोजन किया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के उपाध्यक्ष कारी सगीर आलम हबीबी नायब शहर काजी कानपुर ने की। मुख्य अतिथि के तौर पर राष्ट्रीय नायब सदर कारी आरिफ रजा कादरी एवं अतिथि राष्ट्रीय सचिव सरदार राजेंद्र सिंह नीटा शामिल हुए मीटिंग को संबोधित करते हुए महामंत्री महबूब आलम खान ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी संस्था द्वारा विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया संगोष्ठी के माध्यम से अल्पसंख्यको के अधिकारों की रक्षा के लिए अपने-अपने विचार रखे गए जिसमें बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे महामंत्री महबूब आलम खान ने कहा कि दुनिया भर में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से अल्पसंख्यकों के अधिकारों की जानकारी देकर लोगों को जागरूक किया जाता है।
ज्ञात हो की सन 1992 में इसी दिन संयुक्त राष्ट्र ने अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों से जुड़ी घोषणा को अपनाया था इस दिन को मनाने का मकसद अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है ताकि अल्पसंख्यक समुदाय अपने अधिकारों को समझ सके लेकिन विडंबना देखिए अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर ना तो सरकार और ना कोई संस्थान बात करना चाहता है देश में अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जाने वाली योजनाएं लगभग खाना पूरी तक ही सीमित रह गई है हमारे शहर कानपुर में वकफ की संपत्तियों पर धड़ाधड़ कब्जे हो रहे हैं लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं कब्रिस्तानों पर लगातार अतिक्रमण बढ़ते जा रहे हैं अल्पसंख्यक विभाग भी अपनी जिम्मेदारियां पूरी तरीके से नहीं निभा रहा जिससे भूमाफियाओं के हौसले बुलंद हम केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार से यह मांग करते हैं कि अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करते हुए जो वादे किए गए थे।
उनको अमली जामा पहनाया जाए साथ ही अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं का शेष बजट जारी किया जाए देश भर में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की जाए तभी आप द्वारा दिया गया नारा सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास नारी का सपना साकार होगा राष्ट्रीय सचिव सरदार राजेंद्र सिंह नीटा ने कहा कि हमें केंद्र सरकार व राज्य सरकार से उम्मीद है कि आने वाले नव वर्ष में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा एवं उत्थान की योजनाओं पर ध्यान देते हुए काम किया जाएगा ताकि हम अल्पसंख्यक भी समाज की मुख्य धारा से जुड़कर महान लोकतांत्रिक राष्ट्र भारत में जीवन यापन कर सकें।
गोष्टी की अध्यक्षता कर रहे नायब शहर क़ाज़ी कानपुर कारी मोहम्मद सग़ीर आलम हबीबी ने कहा कि भारतीय संविधान ने अल्पसंख्यकों को:पूर्ण धार्मिक स्वतंत्रता सांस्कृतिक और भाषाई सुरक्षा शैक्षणिक स्वायत्तता कानूनी और न्यायिक संरक्षण प्रदान किया है जो भारत को एक न्यायपूर्ण, समावेशी और सौहार्दपूर्ण राष्ट्र बनाता है मगर अफसोस आज अल्पसंख्यक गैर सुरक्षित महसूस कर रहा है और लगातार उसके हितों की अनदेखी की जा रही है।
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