कचनरवा लैम्पस में यूरिया नदारद , किसान हलकान
संबंधित विभाग द्वारा किसानों को किया जा रहा गुमराह, किसानों का कभी भी फूट सकता है गुस्सा
किसानों ने लगाया संबंधित विभाग के ऊपर कालाबाज़ारी का आरोप, अधिकारी मीटिंग में मस्त, किसान पस्त
अजित सिंह/ राजेश तिवारी ( ब्यूरो रिपोर्ट)
मंगलवार को विकास खंड कोन अंतर्गत कचनरवा लैम्पस में यूरिया खाद लेने के लिए सैकड़ों किसानों की प्रतिदिन उमड़ रही भीड़ लेकिन उर्वरक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है जिसकी वजह से स्थानीय बाजारों में रात के अंधेरे व सुबह होते ही 850 से लेकर 900 रुपए तक यूरिया गरीब अनपढ़ किसानों को दिया जा रहा है जो किसानों के साथ सरासर अन्याय है । जिसके क्रम पूर्व में संबंधित विभाग को अवगत भी करा दिया गया फिर भी उनके कान तक आवाज सुनाई नहीं दे रही है जबकि प्रदेश सरकार / केन्द्र सरकार द्वारा किसानों की आय वृद्धि के लिए तरह तरह योजनाएं चलाई जा रही वहीं संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को गुमराह करने का सिलसिला जारी है।

गौरतलब है कि विगत कई दिनों से किसान खाद लेने समिति का चक्कर लगा रहे हैं किन्तु खाद नहीं मिल पा रही है । किसानों का आरोप है कि संबंधित सचिव द्वारा कॉल भी रीसिव नहीं किया जाता है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।बतातें चलें कि कुछ दिनों पूर्व किसानों ने कोन विंढमगंज मार्ग कई बार जाम कर दिया जिसकी सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन द्वारा तत्काल खाद उपलब्ध कराने का अश्वासन देते हुए जाम खोलवाया था किन्तु उनका अश्वासन भी धरा का धरा रह गया।
किसानों का कहना कि यूरिया के अभाव में फसल चौपट होती नजर आ रही है और विभाग अपने आप में मस्त है। जिसके संबंध में संबंधित विभाग द्वारा कभी सचिव के बीमार होने का हवाला व जिले से उर्वरक भेजने की बातें कई दिनों से चलता आ रहा है आखिर संबंधित अधिकारियों द्वारा किसानों को क्यों गुमराह किया जा रहा है जो किसानों के समझ से परे है। किसानों ने संबंधित विभाग के ऊपर मनमानी का आरोप लगाया है।वहीं जिले के संबंधित अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं जो किसानों के लिए बहुत ही पीड़ादायक है ।
सूत्रों की मानें तो अधिकारी मीटिंग में मस्त हैं और वहीं किसान त्रस्त हैं। सवाल उठता है कि आखिर हफ़्तों से संबंधित अधिकारियों द्वारा कोरा अश्वासन क्यों दिया जा रहा। जिसके क्रम में किसान नेता जोखन प्रसाद यादव ने प्रदेश सरकार के ऊपर करारा हमला बोलते हुए कहा कि यह प्रदेश सरकार की बहुत बड़ी नाकामी और जिले की अधिकारियों की मनमानी की वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। खबर लिखे जाने तक उर्वरक की खेप संबंधित केन्द्र पर नहीं पहुंची।
इस बावत समिति के सचिव के द्वारा उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होने व जिले पर मीटिंग का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया । जिसके क्रम में किसान बिहारी प्रसाद, दीनानाथ, उमेश ,छोटेलाल , बसंत , गोविंद,प्रदीप आदि ने जिलाधिकारी समेत संबंधित विभाग का ध्यान आकृष्ट कराते हुए पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराने की मांग किया है।

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